Parama ekadashi: 3 साल बाद आने वाली परम एकादशी है बेहद खास, जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Aug, 2023 10:35 AM

parama ekadashi

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत खास महत्व है। कष्ट निवारण के लिए इस दिन को बहुत ही अच्छा माना जाता है। हर महीने में दो एकादशी आती हैं। एक कृष्णपक्ष

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Parama ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत खास महत्व है। कष्ट निवारण के लिए इस दिन को बहुत ही अच्छा माना जाता है। हर महीने में दो एकादशी आती हैं। एक कृष्णपक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में यानी साल भर में 24 एकादशी होती हैं। अधिक मास की दूसरी एकादशी 12 अगस्त शनिवार के दिन मनाई जाएगी। इसे कमला या परम एकादशी भी कहा जाता है। पुराणों में परमा एकादशी का फल अश्वमेध यज्ञ के समान बताया गया है। इस व्रत को करने से दुख-दरिद्रता की समाप्ति होती है। परमा एकादशी का व्रत जीवन में सुख-समृद्धि की कामना व मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है। चलिए जानते हैं, परमा एकादशी की पूजा विधि और महत्व

PunjabKesari Parama ekadashi

Parma Ekadashi date परमा एकादशी तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार,अधिक मास के कृष्ण पक्ष की परमा एकादशी तिथि शुक्रवार,11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी और 12 अगस्त को सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर इसका समापन होगा।  

Auspicious time of Parma Ekadashi परमा एकादशी का शुभ मुहूर्त
परमा एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त शनिवार, 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। जबकि परमा एकादशी का व्रत की समाप्ति 13 अगस्त को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक किया जाएगा।

PunjabKesari Parama ekadashi

Parma Ekadashi Puja Method परमा एकादशी पूजा विधि
परमा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान के बाद पूरे विधि के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर निर्जला व्रत का संकल्प लेकर विष्णु पुराण का पाठ करें। रात के समय श्री हरि और शिव जी की पूजा करें। आरंभिक प्रहर में नारियल, दूसरे प्रहर में बेल और तीसरे में सीताफल और चौथे प्रहर में नारंगी और सुपारी भगवान विष्णु को अर्पित करें। पूजा करने के बाद व्रत की समाप्ति करें।    

Significance of Parma Ekadashi परमा एकादशी का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब इस व्रत को कुबेर जी ने किया था तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर उन्हें धनाध्यक्ष बना दिया था। इतना ही नहीं, इस व्रत को करने से सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र को पुत्र, स्त्री और राज्य की प्राप्ति हुई थी। माना जाता है कि इस व्रत के दौरान पांच दिन तक स्वर्ण दान, विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान और गौ दान करने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसे धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती।

PunjabKesari Parama ekadashi

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!