Paush Amavasya 2019: आज करें ये काम, Life में चल रहे दोषों का होगा नाश

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Dec, 2019 07:34 AM

paush amavasya 2019

वैदिक काल से अमावस्या तिथि को बहुत अधिक महत्व दिया जाता रहा है। इस रोज़ दान, पुण्य और तर्पण से अन्य दिनों की तुलना में अधिक लाभ मिलता है। आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

वैदिक काल से अमावस्या तिथि को बहुत अधिक महत्व दिया जाता रहा है। इस रोज़ दान, पुण्य और तर्पण से अन्य दिनों की तुलना में अधिक लाभ मिलता है। आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। इसे पौष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन जितना हो सके उतने अधिक धर्म-कर्म के काम किए जाने चाहिए। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार अमावस्या पर पितृदोष और कालसर्प दोष को दूर करने के लिए जो उपाय किए जाते हैं, वे शीघ्र फल देते हैं। तर्पण व श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा सूर्य पूजा से भी ढेरों लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

पौष माह में ठंड का कहर सबसे अधिक बरसता है। अधिकतर लोग स्नान नहीं करते, ऐसे लोग लाइफ में कभी भी मनचाही सफलता प्राप्त नहीं कर पाते और लक्ष्मी भी उनसे उखड़ी रहती हैं। पौष मास की अमावस्या पर पवित्र नदी, सरोवर और कुंडों में स्नान करना चाहिए। प्रात: सूर्य की लालिमा छाने से पहले ही स्नान कर लेना चाहिए। तेल को अपने शरीर पर मलकर नदी में स्नान नहीं करना चाहिए। जो लोग स्वस्थ न हों, वह सिर के नीचे से ही स्नान कर सकते हैं। जिनके लिए ये भी संभव न हो उन्हें गीले कपड़े से शरीर पोंछ लेना चाहिए और स्वयं पर गंगा जल का छिड़काव कर लेना चाहिए। किवंदती के अनुसार गंगा माता को जो व्यक्ति सच्चे ह्रदय से जिस स्थान पर भी याद करता है, वे अवश्य वहां के जल में आ जाती हैं। स्नान करते समय इस श्लोक का पाठ अवश्य करें-
नन्दिनी नलिनी सीता मालती च महापगा।
विष्णुपादाब्जसम्भूता गंगा त्रिपथगामिनी।।
भागीरथी भोगवती जाह्नवी त्रिदशेश्वरी।
द्वादशैतानि नामानि यत्र यत्र जलाशय।
स्नानोद्यत: स्मरेन्नित्यं तत्र तत्र वसाम्यहम्।। 

स्नान के बाद भगवान सूर्य नारयण को तांबे के पात्र में जल, रक्त चंदन, कुमकुम और लाल फूल डालकर अर्घ्य देना चाहिए।

सुबह पीपल को जल चढ़ाकर उसकी 7 परिक्रमा करें, शाम को तेल का दीपक करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें।

कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए चांदी के नागों का जोड़ा अथवा अष्टधातु से बने नाग-नागिन का जोड़ा नदी में बहाएं। 
रुद्राक्ष की माला से 'ऊं नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!