Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Nov, 2022 08:41 AM

नृत्य के माध्यम से कटौती के पंच तत्व भूमि जल अग्नि वायु और आकाश के महत्व को बताया गया इसके साथ ही देवाधिदेव महादेव भगवान शंकर के 5 रूपों को भी दर्शाया गया।
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): नृत्य के माध्यम से कटौती के पंच तत्व भूमि जल अग्नि वायु और आकाश के महत्व को बताया गया इसके साथ ही देवाधिदेव महादेव भगवान शंकर के 5 रूपों को भी दर्शाया गया। शिव के 5 रूपों के माध्यम से पंचतत्व की महत्ता को ‘पंचवक्त्रम’ प्रस्तुति में प्रमाणित किया गया।
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रेवा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स एंड इंडिक स्टडीज ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में लैंगिक समानता और जलवायु परिवर्तन जैसे ज्वलंत मुद्दों पर यह विशेष प्रस्तुति दी। इस अवसर पद्मभूषण डॉ. राजा रेड्डी और डॉ. राधा रेड्डी तथा आईजीएनसीए के सदस्य डॉ. सच्चिदानंद जोशी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
मोहिनीअट्टम के माध्यम से पृथ्वी, उडिया नृत्य के माध्यम से जल और अग्नि का महत्व भरतनाट्यम नृत्य से प्रस्तुत किया गया। शिव के अघोर रूप से आग और तत्पुरुष रूप से कुचिपुड़ी नर्तकों ने वायु का वर्णन किया। ईशान अवतार के माध्यम से कथक नृत्य प्रस्तुत कर आकाश की विशालता का बखान किया गया। कार्यक्रम में रेवा विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. पी श्यामा राजू ने अतिथियों का स्वागत और आभार किया और साथ ही विश्वविद्यालय की का प्राथमिकताओं को भी बताया।
