शनि का नक्षत्र परिवर्तन चमकाएगा 4 राशियों की किस्मत !

Edited By Updated: 23 Feb, 2022 08:11 AM

shani ka nakshtra parivartan

हमारे ज्योतिष और नवग्रहों में शनि देव को एक प्रमुख स्थान हासिल है। इन्हें न्याय का देवता और कर्म का कारक माना गया है। ऐसा भी कहते हैं कि शनि देव जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे रंक से राजा बना देते हैं और

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Shani ka nakshtra parivartan: हमारे ज्योतिष और नवग्रहों में शनि देव को एक प्रमुख स्थान हासिल है। इन्हें न्याय का देवता और कर्म का कारक माना गया है। ऐसा भी कहते हैं कि शनि देव जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे रंक से राजा बना देते हैं और जिन पर उनकी क्रूर दृष्टि पड़ती है, उस व्यक्ति की मुसीबतें बढ़ जाती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि हमारे इसी जीवन में शनि हमारे कर्मों के मुताबिक हमें फल देते हैं। जन्म कुंडली में शनि की शुभ स्थिति जहां लाभ प्रदान करती है, वहीं अशुभ स्थिति जीवन में दिक्कत, परेशानी और आर्थिक संकटों का कारण भी बनती है। यही कारण है कि शनि देव को हर कोई शांत रखना चाहता है और हर कोई शनि की कृपा पाने को लालायित रहता है।

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शनि देव नाराज होने पर धन में कमी लाते हैं, धन हानि कराते हैं। जॉब और बिजनेस में दिक्कतें पैदा करते हैं। यहां तक कि कई बार जॉब से भी व्यक्ति को हाथ धोना पड़ता है। इस दौरान रोग भी घेर लेते हैं, दांपत्य जीवन में भी दिक्कतें आने लगती हैं। व्यक्ति की जमा पूंजी नष्ट हो जाती है। कर्ज बढ़ जाता है।

शनिदेव अपनी साढ़ेसाती, ढैया और अपनी महादशा व अंर्तदशा में व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करने वाले देवता के रूप में जाने जाते हैं।

वैदिक ज्‍योतिष में शनि को सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है और यह एक राशि में अढाई साल तक रहते हैं। यही कारण है कि शनि का प्रभाव व्यक्ति पर अधिक समय तक रहता है।

शनिदेव के राशि परिवर्तन की तरह उनका नक्षत्र परिवर्तन भी शुभ और अशुभ फल प्रदान करता है क्योंकि शनि की हर चाल का लोगों के जीवन पर खास प्रभाव पड़ता है। 29 अप्रैल 2022 में शनि राशि बदलेंगे लेकिन उससे पहले 18 फरवरी को शनिदेव श्रवण नक्षत्र से धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश कर गए हैं। जहां ये 15 मार्च तक विराजमान रहेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी ग्रह मंगल हैं। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर मंगल व शनि का प्रभाव होता है। इस नक्षत्र के पहले चरण से उत्पन्न जातक की जन्म राशि मकर है और अंतिम दो चरण में जन्म होने पर राशि कुंभ है। शनि का नक्षत्र परिवर्तन 4 राशियों मेष, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए लाभकारी रहेगा। इस दौरान आपको धन लाभ हो सकता है। करियर के लिहाज से यह समय उत्तम है।

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मेष राशि मंगल की राशि है और धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी ग्रह भी मंगल हैं। ऐसे में मेष राशि वालों के लिए शनिदेव का नक्षत्र परिवर्तन हर तरह से लाभदायक सिद्ध होने वाला है। इससे आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी। करियर में सफलता मिलेगी। नौकरी में पदोन्नति या वेतन वृद्धि होगी। व्यापारी हैं तो यह समय शुभ और लाभ वाला है।

वृश्चिक राशि : वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी ग्रह भी मंगल है इसीलिए यह समय अत्यंत ही लाभदाक वाला सिद्ध होगा। आर्थिक रूप से स्थिति मजबूत होगी। कर्ज से छुटकारा मिलेगा। आय के स्रोतों में बढ़ोतरी होगी। कोर्ट-कचहरी में चल रहे मामलों का निपटारा होगा। शुभ यात्रा के योग भी बनेंगे।

मकर राशि : मकर राशि के राशि स्वामी शनि हैं। आपके लिए भी यह समय सकारात्मक परिणाम वाला सिद्ध होगा। सेहत में सुधार होगा और तनाव से मुक्ति मिलेगी। कार्यक्षेत्र में सहयोग प्राप्त होगा और यात्रा के योग बनेंगे। करियर में सफलता मिलेगी। आप बचत करने में सफल होंगे।

कुंभ राशि : कुंभ राशि का भी राशि स्वामी शनि है इसलिए आपके लिए भी शनि का ये नक्षत्र परिवर्तन फलदायी सिद्ध होगा। नौकरी में कार्यस्थल पर अच्‍छा माहौल बनेगा। व्यापार में लाभ प्राप्त होगा। करियर में गति मिलेगी। आपकी आमदनी में अधिक वृद्धि के योग भी बन रहे हैं।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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