Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Sep, 2023 08:17 AM
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश दिवस पर आज बड़ी संख्या में संगत ने श्री हरिमंदिर साहिब और गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब में नतमस्तक होकर श्रद्धा जताई। इस
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अमृतसर (दीपक): श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश दिवस पर आज बड़ी संख्या में संगत ने श्री हरिमंदिर साहिब और गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब में नतमस्तक होकर श्रद्धा जताई। इस ऐतिहासिक दिवस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से अलग-अलग समागम किए गए हैं। जहां गत कई दिनों से श्री अमृतसर शहर में जीवन जुगति समागमों की शृंखला चलाई गई, वहीं आज गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब से श्री हरिमंदिर साहिब तक विशाल नगर कीर्तन सजाया गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पांच प्यारों के नेतृत्व में सजाए गए इस नगर कीर्तन में श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और शिरोमणि कमेटी के प्रधान हरजिन्द्र सिंह धामी ने पांच प्यारों, निशानची और नगारची सिंहों को सिरोपे देकर सम्मान दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में पंथक हस्तियां और संगत पहुंची हुई थी।
नगर कीर्तन की शुरूआत से पहले श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए और रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन कर संगत को निहाल किया। ज्ञानी रघबीर सिंह ने संगत को पहले प्रकाश दिवस की बधाई देते हुए कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब सिखों के ईष्ट हैं और हर सिख का फर्ज है कि वह पवित्र गुरबाणी की ओर से दर्शाए मार्ग पर चलकर जीवन व्यतीत करें। उन्होंने कहा कि पंचम पातशाह श्री गुरु अर्जुन देव जी ने अपने हाथों से वर्ष 1604 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की संपादना करके पहला प्रकाश श्री हरिमंदिर साहिब में किया।
इसी दिन पंचम पातशाह श्री गुरु अर्जुन देव जी ने बाबा बुड्ढा जी को पहले ग्रंथी बनाकर सेवा संभाल की सेवाएं दी, जिससे ग्रंथी पर परा की शुरूआत भी हुई।
जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि गुरु काल से लेकर आज तक पहले प्रकाश दिवस के अवसर पर बड़ी सं या में संगत एकत्रित होती है और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को श्रद्धा और सम्मान अर्पित करती है।
नगर कीर्तन दौरान सिख नौजवानों ने गतका प्रदर्शन के साथ-साथ शब्दि जत्थों ने शबद गायन कर श्रद्धा जताई। इसके दौरान श्रद्धालुओं ने अलग-अलग पकवानों के लंगर भी लगाए। नगर कीर्तन के दौरान शिरोमणि कमेटी के जनरल सचिव भाई गुरचरन सिंह ग्रेवाल, अंतरिंगकमेटी के सदस्य सुरजीत सिंह तुगलवाल, बीबी गुरिन्दर कौर भोलूवाला, पूर्व सीनियर उप-प्रधान भाई राजिन्द्र सिंह मेहता, सुरजीत सिंह भिट्टेवड्ड, सदस्य भाई अजायब सिंह अभ्यासी सहित अलग-अलग सभा सोसायटियों के प्रतिनिधि और संगत शामिल हुई।
श्री हरमंदिर साहिब में सजाए गए जलो
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश दिवस के अवसर पर श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और बाबा अटल राय साहिब में अलौकिक जलो सजाए गए। इसके साथ ही श्री हरिमंदिर साहिब में रंग-बिरंगे फूलों की सजावट की गई। श्री हरिमंदिर साहिब और गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब सहित अलग-अलग धार्मिक स्थानों को दीपमाला से सजाया गया। प्रकाश पर्व को समर्पित गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में सजाए गुरमति समागम में रागी, ढाडी और कविशर जत्थों ने संगत को गुरु यश से जोड़ा।
समागम में पहुंचे शिरोमणि कमेटी के प्रधान हरजिन्द्र सिंह धामी ने संगत को बधाई देते हुए गुरमति रहनी को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने गुरुबाणी के अनमोल मूल्यों की रक्षा करने की प्रेरणा दी।