Budhwa mangal: इस हनुमान मंदिर से हुई बड़े मंगलवार की शुरुआत

Edited By Updated: 12 May, 2025 09:52 AM

story behind budhwa mangal

Budhwa mangal 2025: ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवार का बहुत महत्व होता है। इसे बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। बजरंगबली की कृपा दिलाने वाला ये पावन पर्व आज से आरंभ हो रहा है और जेष्ठ माह की पूर्णिमा पर समाप्त होगा। हनुमान जी की...

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Budhwa mangal 2025: ज्येष्ठ मास में आने वाले मंगलवार का बहुत महत्व होता है। इसे बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। बजरंगबली की कृपा दिलाने वाला ये पावन पर्व आज से आरंभ हो रहा है और जेष्ठ माह की पूर्णिमा पर समाप्त होगा। हनुमान जी की विशेष कृपा पाने के लिए बुढ़वा मंगल को बहुत ही ख़ास माना जाता है। हनुमान जी उन सात पवित्र देवताओं में से एक हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं। कार्यों में सिद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्री हनुमान जी की पूजा अति फलदायी है।

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क्या आप जानते हैं बड़े मंगलवार की शुरुआत कैसे हुई ?

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दरअसल बड़े मंगलवार की शुरूआत करीब 400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी। एक बार की बात है नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा गंभीर रूप से बीमार हो गया।

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उनकी बेगम रूबिया ने कई जगह उसका इलाज करवाया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ।

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लोगों ने उन्हें बेटे की सलामती के लिए लखनऊ के अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर में मन्नत मांगने को कहा। यहां मन्नत मांगने पर नवाब का बेटा स्वस्थ हो गया।

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इसके बाद नवाब की बेगम रूबिया ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। वहीं नवाब ने ज्येष्ठ की भीषण गर्मी के दिनों में प्रत्येक मंगलवार को पूरे शहर में जगह-जगह गुड़ और पानी का वितरण करवाया और तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई।

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