Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Nov, 2022 10:45 AM
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने 7 नवम्बर, 1966 को निहत्थे गौभक्तों पर चलाई गई गोलियों के शिकार लोगों की याद में आज 2 घंटे का धरना दिया।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नई दिल्ली, (विशेष): यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने 7 नवम्बर, 1966 को निहत्थे गौभक्तों पर चलाई गई गोलियों के शिकार लोगों की याद में आज 2 घंटे का धरना दिया। तत्पश्चात संसद भवन की ओर कूच कर के वहां बलिदानी गौभक्तों को भावभीनी श्रद्धांजलि अॢपत की गई। इन 5000 बलिदानियो के नाम पर संसद भवन के सामने के गोल चक्कर का नाम बलिदानी गौभक्त चौक रखने के साथ ही सम्पूर्ण देश में गौवंश हत्याबंदी कानून शीघ्रातिशीघ्र कड़ाई से लागू करने की मांग दोहराई गई।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
इस अवसर पर फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा कि आज के ही दिन 7 नवम्बर, 1966 को इंदिरा गांधी ने पूर्ण गौहत्या बंदी कानून बनाने की मांग कर रहे लाखों गौभक्तों की आवाज को अनसुनी करके गौभक्तों को गोलियों से भून देने का मार्ग चुना।
लगभग 5000 गौभक्तों के बलिदान के बाद चारों ओर से की गई कड़ी भर्त्सना के बाद इंदिरा गांधी ने संपूर्ण देश में गौहत्या बंदी कानून बनाने की बात कह कर चुनाव जीत लिया लेकिन गौभक्तों की मांग स्वीकार नहीं की गई। गोयल ने केंद्र सरकार से उन बलिदानी गौभक्तों के परिवारों को स्वतंत्रता सेनानी मानकर उचित मुआवजा देने की मांग दोहराई जिन्होंने गौरक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था।