Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Aug, 2023 08:27 AM
आलीशान, शानदार और खूबसूरत घर का सपना प्रत्येक व्यक्ति संजोता है लेकिन बात यदि बेजोड़ और अकल्पनीय सुख- सुविधाओं से संपन्न घर की हो तो वास्तु
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Main entrance door Vastu tips for home: आलीशान, शानदार और खूबसूरत घर का सपना प्रत्येक व्यक्ति संजोता है लेकिन बात यदि बेजोड़ और अकल्पनीय सुख- सुविधाओं से संपन्न घर की हो तो वास्तु सम्मत घर ही सही है। ऐसे घर में ग्रह-नक्षत्रों की शुभता के साथ-साथ सुख-शांति प्राप्त की जा सकती है। पूर्व और उत्तर दिशा में घर का मुख्य द्वार होना सबसे उत्तम है। ऐसा द्वार घर में समृद्धि और शोहरत लेकर आता है। पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा में घर का मुख्य द्वार हो तो भी खुशहाली का समावेश किया जा सकता है बेशर्ते घर में एक से अधिक वास्तुदोष विद्यमान नहीं होने चाहिए। जिन घरों के मुख्य द्वार वास्तु सम्मत न बनें हो तो ऐसे द्वार को समृद्ध और खुशहाल कैसे बनाया जाए, आइए जानें ?
पश्विम दिशा में बने मुख्य द्वार के दोष को दूर करने के लिए रविवार को सूर्य उगने से पहले मुख्य द्वार के सामने नारियल और थोड़े से सिक्के रखकर दबा दें।
दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार हो तो घर में परेशानियों का माहौल बना रहता है। इसके निवारण के लिए बुधवार अथवा बृहस्पतिवार को नींबू अथवा 7 कौड़ियों को धागे में बांधकर मुख्य द्वार पर लटका दें।
मुख्य द्वार पूर्व एवं पश्चिम दिशा में हो तो जीवन में खुशियों एवं संपन्नता का संचार होता है।
मुख्य द्वार उत्तर व पश्चिम दिशा में हो तो समृद्धि के साथ-साथ अध्यात्म में रुझान बढ़ता है।
मुख्य द्वार सिर्फ पश्चिम दिशा में हो तो व्यापार में लाभ तो मिलता है मगर यह लाभ स्थायी नहीं होता ।
घर में दो मुख्य द्वार बनाएं एक बड़ा प्रवेश द्वार वाहनों के प्रयोग के लिए और दूसरा छोटा निजी प्रयोग के लिए।
मुख्य द्वार घर के एकदम कोने में नहीं होना चाहिए।
मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं।
मुख्य द्वार चार भुजाओं की चौखट वाला ही बनवाएं। ऐसा करने से घर में संस्कार बने रहते हैं और मां लक्ष्मी भी ऐसे ही घर में प्रवेश करती है।
मुख्य द्वार के समक्ष कोई भी गड्ढा अथवा सीधा मार्ग नहीं होना चाहिए।
अगर आपका मुख्य द्वार उत्तर अथवा पूर्व में हो तो हरा, पीला या गुलाबी, दक्षिण में हो तो लाल और पश्चिम में हो तो हल्का नीला, भूरा अथवा सफेद रंग का पेंट करवाएं। |
ब्रह्ममूहर्त में उठकर मुख्यद्वार को खोलते ही सर्वप्रथम दहलीज पर जल का छिड़काव करें। इससे रात में एकत्रित हुई नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी तथा घर के भीतर प्रवेश न कर पाएगी और मां लक्ष्मी जी के आने का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्य द्वार सुशोभित होगा तभी प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी।
मुख्य द्वार पर तोरण बांधने से देवी-देवता सभी कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न कराकर मंगल प्रदान करते हैं।