ऐसे घर में कभी नहीं आती दरिद्रता, जहां घर की महिलाएं रखती हैं ये व्रत

Edited By Jyoti,Updated: 08 Dec, 2022 02:44 PM

vrat for married women

हमारे हिंदू धर्म में स्त्रियों को देवी का रूप माना गया है। स्त्री के बिना परिवार अधूरा होता है। जिस घर में स्त्री न हो वह घर नर्क के समान होता है। सभी जानते हैं कि स्त्रियां ही घर को स्वर्ग बनाती है। स्त्री से ही पुरुषों को सफलता, ऐश्वर्य और समृद्धि...

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हमारे हिंदू धर्म में स्त्रियों को देवी का रूप माना गया है। स्त्री के बिना परिवार अधूरा होता है। जिस घर में स्त्री न हो वह घर नर्क के समान होता है। सभी जानते हैं कि स्त्रियां ही घर को स्वर्ग बनाती है। स्त्री से ही पुरुषों को सफलता, ऐश्वर्य और समृद्धि मिलती है। प्रत्येक स्त्री अपने घर को खुशहाल बनाने के लिए कई यत्न करती है। इसी बीच आज हम आपको पांच ऐसे व्रतों के बारे में बताएंगे। जिसको अगर हर सुहागिन स्त्रियां सच्चे मन से करती है। तो उसके घर-परिवार में कभी किसी चीज का अभाव नहीं रहता है और सुख-संपत्ति से घर भर जाता है। तो आइए जानते हैं उन व्रतों के बारे में जो हर सुहागिन महिला को करने चाहिए-

सोलह सोमवार का व्रत- 
बता दें कि ये व्रत कोई भी कर सकता है लेकिन खासतौर पर ये व्रत कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं करती है। ऐसी मान्यता है कि जो स्त्रियां सोलह सोमवार का व्रत करती है। उसका घर हमेशा अन्न-धन से भरा रहता है और उस पर भगवान शिव व मां पार्वती की असीम कृपा बनी रहती है। पुराणों में बताया गया है कि ये व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने किया था। इसलिए प्रत्येक स्त्री को ये व्रत अवश्य करना चाहिए। इससे उनका वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाता है। 

वैभव लक्ष्मी व्रत
बता दें कि वैभव लक्ष्मी व्रत हर शुक्रवार को किया जाता है। वैभव लक्ष्मी व्रत सुहागिन स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला सबसे शुभ और पुण्यदायी व्रत माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी महिला इस व्रत को विधिपूर्वक करती है। उस घर में हमेशा मां लक्ष्मी का वास रहता है और धन की कमी इस घर में कभी नहीं होती। यदि व्यापार नहीं चल रहा है। धन का नुकसान हो रहा है तो ये व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत को करने से देवी लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती है और धन-संपत्ति प्रदान करती है लेकिन एक बात ध्यान रखें कि व्रत को ये व्रत नियमित रूप से 11 या 21 बार किया जाना चाहिए।

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हरतालिका व्रत- 
बता दें कि ये व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। यह व्रत शिव-पार्वती की उपासना का व्रत है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने के लिए करती है। इस दिन व्रत करने वाली स्त्रियों को जीवन में तमाम सुखों की प्राप्ति होती है।

वट सावित्री व्रत-
वट सावित्री व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस दिन विशेष तौर पर वट वृक्ष और भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

करवाचौथ का व्रत-
हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ये व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य का वरदान पाने के लिए निर्जला करती है। इस व्रत को करने से स्त्री का सुहाग बना रहता है और घर सुख-संपत्ति से भर जाता है। 
 

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