सेकेंड हैंड फोन लेने से पहले जांच लें ये जरूरी चीजें, नहीं तो पड़ सकते हैं लेने के देने

Edited By Updated: 16 Nov, 2025 06:27 PM

buy second hand phone safety tips

सेकेंड हैंड फोन खरीदते समय सावधानी बेहद जरूरी है। IMEI नंबर की जांच कर चोरी या ब्लैकलिस्ट फोन से बचें। फोन की बॉडी, स्क्रीन, बैटरी हेल्थ और चार्जिंग टेस्ट करें। कैमरा, स्पीकर और नेटवर्क की पूरी जांच जरूरी है। ओरिजिनल बिल, बॉक्स और वारंटी होने से...

नेशनल डेस्क : अगर आप पुराना या सेकेंड-हैंड स्मार्टफोन खरीदने का सोच रहे हैं, तो सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। मार्केट में कई फोन नए जैसे दिखते हैं, लेकिन उनके अंदर छुपी समस्याएं बाद में बड़ी परेशानी बन सकती हैं। चोरी का फोन, खराब बैटरी, नकली पार्ट्स और ब्लैकलिस्ट IMEI जैसी समस्याएं आम हैं। ऐसे में कुछ जरूरी चीजें चेक करके आप सुरक्षित डील कर सकते हैं।

IMEI नंबर की जांच सबसे जरूरी
पुराना फोन खरीदने से पहले उसका IMEI नंबर चेक करना बेहद आवश्यक है। IMEI को किसी भी ऑनलाइन IMEI checker या सरकारी पोर्टल पर डालकर यह पता लगाया जा सकता है कि फोन ब्लैकलिस्ट तो नहीं है। चोरी हुए फोन भी मार्केट में बिक जाते हैं, और ऐसे फोन पर बाद में पुलिस कार्रवाई भी हो सकती है।

फोन की फिजिकल कंडीशन पर दें ध्यान
फोन के फ्रेम, स्क्रीन, कैमरा और बटन्स को अच्छे से जांचें। स्क्रीन बदलकर या बॉडी पॉलिश करके फोन नया जैसा दिखाया जा सकता है। माइक्रो स्क्रैच, डेंट, कैमरा ग्लास टूटना या स्क्रीन कलर शिफ्टिंग यह संकेत हैं कि फोन ज्यादा इस्तेमाल हुआ या गिर चुका है। चार्जिंग पोर्ट और स्पीकर ग्रिल भी अक्सर खराब होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज न करें।

बैटरी हेल्थ और चार्जिंग टेस्ट करें
पुराने फोन में सबसे बड़ी समस्या बैटरी की होती है। बैटरी हेल्थ कम होने पर फोन जल्दी डिस्चार्ज होता है और ओवरहीटिंग भी शुरू हो सकती है। iPhone में बैटरी हेल्थ सेटिंग से चेक हो जाती है, जबकि Android में थर्ड-पार्टी टूल्स या सर्विस सेंटर रिपोर्ट से बैटरी साइकल और परफॉर्मेंस की जांच की जा सकती है।

कैमरा, स्पीकर, कॉलिंग और नेटवर्क टेस्ट करें
फोन खरीदने से पहले कैमरा के सभी मोड, फोटो क्वालिटी, माइक्रोफोन और स्पीकर की जांच करें। SIM डालकर नेटवर्क सिग्नल और 4G/5G कनेक्टिविटी भी टेस्ट करना जरूरी है। कई बार नेटवर्क IC में समस्या होने से फोन में कॉलिंग या इंटरनेट कनेक्शन प्रभावित हो सकता है।

ओरिजिनल बिल, बॉक्स और वारंटी की जांच
सेकेंड-हैंड फोन खरीदते समय बिल, बॉक्स और वारंटी कार्ड होना लाभकारी होता है। बिल से फोन का असली मालिक पता चलता है और वारंटी बची हो तो सर्विस सेंटर से सहायता मिल सकती है। अगर बिल न मिले तो कम से कम ओरिजिनल बॉक्स और IMEI मिलान जरूर करें। नकली चार्जर और केबल से बचने के लिए इन्हें भी टेस्ट करें।

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