Edited By Pardeep,Updated: 19 May, 2025 09:28 AM

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक आक्रामक किस्म का प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) होने की पुष्टि हुई है। बाइडेन की उम्र 82 साल है। पिछले हफ्ते उन्हें पेशाब से जुड़ी कुछ समस्याएं हुईं, जिसके बाद जांच में यह बीमारी सामने आई।
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक आक्रामक किस्म का प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) होने की पुष्टि हुई है। बाइडेन की उम्र 82 साल है। पिछले हफ्ते उन्हें पेशाब से जुड़ी कुछ समस्याएं हुईं, जिसके बाद जांच में यह बीमारी सामने आई। रविवार को उनके प्रवक्ता केली स्कली ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी।
बयान के मुताबिक, कैंसर अब हड्डियों तक फैल चुका है — जिसे मेडिकल भाषा में “मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर” कहा जाता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि कैंसर “हॉर्मोन-सेंसिटिव” है, यानी यह हॉर्मोन ट्रीटमेंट से काबू में लाया जा सकता है।
क्या है Gleason Score और इसका मतलब?
बाइडेन के कैंसर का Gleason Score = 9 है।
यह स्कोर प्रोस्टेट कैंसर की गंभीरता को बताने वाला एक प्रमुख मेडिकल मापदंड है। स्कोर 6 से 10 के बीच होता है, जिसमें 9 या 10 सबसे खतरनाक और तेजी से बढ़ने वाला कैंसर दर्शाते हैं।
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Gleason 9 का मतलब है कि बाइडेन के कैंसर में बहुत ज्यादा असामान्य कोशिकाएं पाई गईं हैं।
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आमतौर पर स्कोर को दो हिस्सों में बांटा जाता है – जैसे 4+5 या 5+4।
इसमें पहला अंक प्रमुख कैंसर पैटर्न और दूसरा अंक सेकेंडरी पैटर्न को दर्शाता है।
पैटर्न 5 सबसे गंभीर होता है और इसका मतलब है कि कोशिकाएं पूरी तरह से सामान्य से अलग और अत्यधिक आक्रामक हैं।
Grade Group 5 – क्या होता है इसका मतलब?
Gleason Score 9 का मतलब है कि बाइडेन का कैंसर Grade Group 5 में आता है।
यह सबसे उच्च जोखिम वाली श्रेणी होती है और इसका मतलब है कि:
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कैंसर तेजी से बढ़ सकता है,
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अन्य अंगों में भी फैलने की संभावना ज्यादा होती है,
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और इसका इलाज जटिल हो सकता है।
हड्डियों में कैंसर का फैलना – गंभीर संकेत
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कैंसर अब हड्डियों तक फैल चुका है (Bone Metastasis)। यह स्थिति Stage IV (अंतिम चरण) के प्रोस्टेट कैंसर का संकेत देती है।
हड्डियों में फैलना आमतौर पर:
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कमर, रीढ़, कूल्हे और पसलियों में दर्द पैदा कर सकता है,
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और कैंसर के इलाज को और भी चुनौतीपूर्ण बना देता है।
मायो क्लिनिक के अनुसार, यह स्थिति जीवन प्रत्याशा को प्रभावित कर सकती है, लेकिन सही इलाज से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।