चीन का ट्रंप के  H-1B पर करारा तमाचा ! अमेरिका को दी सीधी चुनौती,  पेशेवरों और छात्रों के लिए K Visa किया लांच

Edited By Updated: 22 Sep, 2025 01:40 PM

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा पर भारी फीस लगाने और नियम कड़े करने के बाद चीन ने  K Visa  नामक नई वीजा श्रेणी पेश की है...

Bejing: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा पर भारी फीस लगाने और नियम कड़े करने के बाद चीन ने  K Visa  नामक नई वीजा श्रेणी पेश की है। इसका मकसद दुनिया भर के  युवा वैज्ञानिक, तकनीकी और व्यवसायिक पेशेवरों  को चीन आकर्षित करना है।

 

K Visa क्या है?
K Visa को चीन ने खास तौर पर उच्च कौशल वाले पेशेवरों और छात्रों के लिए डिजाइन किया है। इसके तहत आवेदनकर्ताओं को शिक्षा, अनुसंधान, विज्ञान, तकनीक, और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में  विशेष अवसर और समर्थन** मिलेगा। चीन की योजना है कि इस वीजा के जरिए वह वैश्विक प्रतिभाओं को सीधे अपने देश में ला सके और  रिसर्च और इनोवेशन  के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ा सके।

 

 क्यों आया K Visa?
H-1B वीजा के तहत अमेरिका ने विदेशी टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स पर भारी शुल्क और नई शर्तें लगाईं। इसका असर विशेषकर एशियाई देशों के छात्रों और पेशेवरों पर पड़ा। चीन ने इसे अवसर के रूप में लिया और वैश्विक प्रतिभाओं को चीन में आकर्षित करने  के लिए यह नई कैटेगरी बनाई।

 

 K Visa धारकों को फायदे

  •  शिक्षा और रिसर्च संस्थानों में विशेष प्रवेश
  •  विज्ञान और तकनीकी प्रोजेक्ट्स में भागीदारी
  •  व्यवसाय और स्टार्टअप्स में सहयोग और समर्थन
  •  लंबी अवधि के लिए रहने और काम करने की अनुमति

 

चीन की रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का उद्देश्य सिर्फ  प्रतिभा को लुभाना नहीं है, बल्कि देश में नवाचार और टेक्नोलॉजी हब बनाने  का भी है। यह कदम चीन को वैश्विक स्तर पर  तकनीकी और वैज्ञानिक नेतृत्व  हासिल करने में मदद करेगा।

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