Edited By Tanuja,Updated: 22 May, 2025 03:21 PM

बांग्लादेश में सत्ता और सेना के बीच म्यांमार सीमा पर प्रस्तावित ‘मानवीय गलियारा’ को लेकर टकराव गहराता जा रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक यह गलियारा अमेरिका के दबाव में बनाने की योजना थी...
Dhaka: बांग्लादेश में सत्ता और सेना के बीच म्यांमार सीमा पर प्रस्तावित ‘मानवीय गलियारा’ को लेकर टकराव गहराता जा रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक यह गलियारा अमेरिका के दबाव में बनाने की योजना थी, जिसे लेकर अब बांग्लादेश की सेना ने कड़ा विरोध जताया है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने खुलकर चेतावनी दी है और अंतरिम यूनुस सरकार की नीतियों पर सीधा सवाल खड़ा किया है। वहीं, बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) खलीलुर रहमान ने आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी कि किसी मानवीय गलियारे पर कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है।
सेना बनाम अंतरिम सरकार
ढाका में सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए जनरल जमान ने साफ कहा कि "कोई खूनी गलियारा नहीं बनने दिया जाएगा।" उन्होंने यूनुस सरकार पर "सेना को अंधेरे में रखकर अहम निर्णय लेने" का आरोप लगाया और यह भी कहा कि देश का भविष्य केवल एक निर्वाचित सरकार तय कर सकती है, अंतरिम सरकार नहीं।
NSA खलीलुर रहमान पर सवाल
खलीलुर रहमान, जो कथित तौर पर अमेरिकी नागरिक हैं, को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए जाने को लेकर पहले ही सवाल उठते रहे हैं। अब यह भी रिपोर्ट आई है कि उन्होंने मानवीय गलियारे को कभी रोहिंग्या पुनर्वास, कभी राखीन को मदद और अब पूरी तरह इन्कार कर दिया है। इस पलटबाज़ी ने यूनुस सरकार की विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।
सेना की शर्त
जनरल जमान ने साफ किया कि "दिसंबर 2025 तक आम चुनाव कराना अनिवार्य है।" "अंतरिम सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं है, इसलिए देश का मार्गदर्शन नहीं कर सकती।"सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि यूनुस सरकार के कार्यकाल में देश में हिंसा और अपराध बढ़े हैं। उन्होंने आगाह किया कि"अब बांग्लादेश में जारी भीड़तंत्र, हिंसा और अराजकता को सेना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी।"
तख्तापलट की आहट
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जनरल जमान का यह तीखा रुख एक संभावित सैन्य एक्शन का संकेत हो सकता है। अमेरिका से जुड़ी अफवाहें और NSA की भूमिका, इस संकट को और गहरा कर रही हैं। बांग्लादेश इस समय एक अस्थिर राजनीतिक दौर से गुजर रहा है। सेना और अंतरिम सरकार के बीच का यह टकराव जल्द ही एक बड़े बदलाव का कारण बन सकता है । क्या यह चुनाव की मांग है या तख्तापलट की आहट? आने वाले सप्ताहों में तस्वीर और साफ होगी।