Edited By Tanuja,Updated: 12 Oct, 2025 04:48 PM

चीन ने दुर्लभ खनिजों और उनसे जुड़ी तकनीकों के निर्यात पर पाबंदी लगाते हुए कहा कि यह कदम वैश्विक शांति और सुरक्षा की रक्षा के लिए है। अमेरिका द्वारा 100% शुल्क की धमकी पर चीन ने चेतावनी दी कि अगर ट्रंप प्रशासन पीछे नहीं हटा, तो बीजिंग “ठोस जवाबी...
Bejing: चीन ने दुर्लभ खनिज और ऐसी अन्य वस्तुओं के निर्यात पर अंकुश से जुड़े फैसले का बचाव करते हुए इसे वैश्विक शांति की रक्षा के लिए एक वैध कदम बताया और अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीनी निर्यात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की अपनी धमकी पर कायम रहते हैं, तो वह "ठोस कदम" उठाएगा। चीन ने बृहस्पतिवार को दुर्लभ खनिज, लिथियम बैटरी और दुर्लभ खनिज-आधारित सामग्रियों के खनन व प्रसंस्करण से संबंधित तकनीकों और उपकरणों के निर्यात पर नयी पाबंदियों की घोषणा की थी। तत्काल प्रभावी हुईं ये पाबंदियां उत्पादन तकनीकों के विदेशी हस्तांतरण पर भी लागू हैं।
बीजिंग ने कहा कि यह निर्णय इस चिंता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि कुछ विदेशी कंपनियां सैन्य उद्देश्यों के लिए चीन से प्राप्त सामग्रियों का उपयोग कर रही हैं। चीन के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक नवंबर से चीनी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी है, जिसके बाद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध फिर से शुरू हो गया। ट्रंप की धमकी से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर देते हुए चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में अमेरिका पर राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया।
बयान में कहा गया है, "जानबूझकर उच्च शुल्क लगाने की धमकी देना चीन के साथ तालमेल बिठाने का सही तरीका नहीं है। व्यापार युद्ध पर चीन का रुख पहले जैसा है: हम व्यापार युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं।" बयान में कहा गया है, "अगर अमेरिका गलत रास्ते पर जाने पर अड़ा रहता है, तो चीन निश्चित रूप से अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा।"