चीन ने पाकिस्तान को दिया बड़ा झटका, TRF को वैश्विक आतंकवादी कहकर पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की

Edited By Updated: 19 Jul, 2025 10:50 AM

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चीन ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। 18 जुलाई 2025 को चीन ने दुनिया के विभिन्न देशों से आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का आह्वान किया। खासकर दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए आतंकवाद विरोधी सहयोग को जरूरी बताया।...

नेशनल डेस्क: चीन ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। 18 जुलाई 2025 को चीन ने दुनिया के विभिन्न देशों से आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का आह्वान किया। खासकर दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए आतंकवाद विरोधी सहयोग को जरूरी बताया। चीन ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का भी जिक्र किया और उसकी निंदा की। अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ यानी टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयंकर आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाला था। इस घोषणा के बाद चीन ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया।

पहलगाम हमला

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी। हालांकि बाद में तनाव बढ़ने पर इस संगठन ने अपना बयान वापस ले लिया था। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति को और बिगाड़ दिया था।

भारत की प्रतिक्रिया—‘ऑपरेशन सिंदूर’

पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने मई की शुरुआत में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इसका मकसद आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना था ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।

पाकिस्तान और चीन का रुख

हालांकि पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध व्यवस्था के तहत कुछ आतंकवादी संगठनों पर रोक लगाई है। इनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा जैसे संगठन शामिल हैं। परन्तु पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा परिषद के बयान में टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा का नाम हटाने की मांग की गई थी, जिसे लेकर विवाद हुआ।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का बयान

25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी। लेकिन पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों के कारण इस बयान में टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा का नाम शामिल नहीं किया गया था। यह मामला आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई में राजनीतिक मतभेदों को दर्शाता है।

चीन का आतंकवाद के प्रति साफ संदेश

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का दृढ़ता से विरोध करता है। उन्होंने आतंकवाद रोधी सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी देशों से मिलकर काम करने को कहा। चीन का यह बयान अमेरिका के टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने के बाद आया है, जिससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा है।

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