Edited By Tanuja,Updated: 14 Oct, 2025 02:31 PM

चीन ने अमेरिकी जहाजों पर विशेष पोर्ट शुल्क और Hanwha Ocean की अमेरिका स्थित पांच इकाइयों पर व्यापार प्रतिबंध लगाया। यह कदम अमेरिका के शिपबिल्डिंग उद्योग को मजबूत करने के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों पर चीन की कड़ी प्रतिक्रिया है। पोर्ट शुल्क, टैरिफ और...
Bejing: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव अब समुद्री व्यापार तक फैल गया है। चीन ने मंगलवार को अमेरिकी जहाजों पर विशेष पोर्ट शुल्क * लागू किया और साउथ कोरियाई शिपबिल्डर Hanwha Ocean की अमेरिका स्थित पांच इकाइयों के साथ किसी भी व्यापार पर रोक लगा दी। दोनों कदम अमेरिका के शिपबिल्डिंग उद्योग को मजबूत करने के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों पर चीन की कड़ी प्रतिक्रिया हैं। चीन के वाणिज्य और परिवहन मंत्रालय ने कहा कि यह कदम चीन के शिपिंग उद्योग और कंपनियों के अधिकारों की रक्षा, अंतरराष्ट्रीय शिपिंग में समान प्रतिस्पर्धा और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। प्रारंभिक पोर्ट शुल्क प्रति नेट टन 400 युआन ($56) होगा और अगले तीन वर्षों में हर साल बढ़ेगा।
Hanwha Ocean की प्रतिबंधित अमेरिकी इकाइयां
- हानवाहा शिपिंग (Hanwha Shipping LLC)
- हानवाहा फिली शिपयार्ड ( Hanwha Philly Shipyard Inc.)
- हानवाहा ओशन USA इंटरनेशनल ( Hanwha Ocean USA International LLC)
- हानवाहा शिपिंग होल्डिंग्स (Hanwha Shipping Holdings LLC)
- HS USA होल्डिंग्स कॉर्प (HS USA Holdings Corp)
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने शिपबिल्डिंग को अब हथियार बना दिया है और यह संकेत दे रहा है कि वह उन तीसरे देशों की कंपनियों पर भी कार्रवाई करेगा जो अमेरिका की चीन के समुद्री प्रभुत्व से निपटने में मदद कर रही हैं। Hanwha Ocean के शेयरों में दक्षिण कोरिया में 8% की गिरावट दर्ज की गई। चीन ने यह कदम अमेरिकी पोर्ट शुल्क के जवाब में उठाया है, जो अमेरिका ने 14 अक्टूबर से चीनी जहाजों पर लागू किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके जवाब में 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ और अन्य प्रतिबंधों की चेतावनी दी है।चीनी मंत्रालय ने अमेरिका से कहा कि वह अपने गलत कदम सुधारें और व्यापार वार्ता में ईमानदारी दिखाए।
मंत्रालय ने जोर देकर कहा, “अमेरिका को बातचीत की आड़ में नए प्रतिबंधात्मक कदम नहीं उठाने चाहिए। यही चीन के साथ सही तरीके से व्यवहार करने का तरीका नहीं है।” Hanwha Ocean पिछले साल अमेरिका में अपनी नौसेना के जहाजों के रख-रखाव और मरम्मत के ठेके भी हासिल कर चुकी है। कंपनी ने फिलेडेल्फिया में Philly Shipyard को 100 मिलियन डॉलर में खरीदा और अगस्त में 5 बिलियन डॉलर का निवेश अमेरिकी शिपबिल्डिंग क्षमता बढ़ाने के लिए करने की योजना बनाई। विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों कदम अमेरिका और चीन के बीच शिपिंग और पोर्ट शुल्क को लेकर बढ़ते तनाव को दर्शाते हैं और यह संकेत हैं कि **समुद्री व्यापार अब व्यापार युद्ध का अगला मोर्चा बन चुका है।