Edited By Tanuja,Updated: 31 Oct, 2020 02:47 PM

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर धार्मिक अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यहां रहने वाले हिंदू, सिख और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है...
पेशावरः पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर धार्मिक अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यहां रहने वाले हिंदू, सिख और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। अब सिंध में 13 साल की एक ईसाई लड़की आरजू राजा का 44 साल के एक अधेड़ ने अपहरण करने के बाद उसने जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया और उससे निकाह रचाया।
इतना ही नहीं, आरोपी ने पुलिस के बचने के लिए लड़की की उम्र 18 साल बताते हुए एक फर्जी विवाह प्रमाणपत्र तैयार करवाया। इस मामले के सामने आने के बाद कराची और इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।लड़की के परिजनों ने इस मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। पाकिस्तानी कोर्ट ने इस शादी के खिलाफ कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लड़की के पति के अनुसार, उसने यह शादी अपनी मर्जी से की है। कागजों में भी लड़की की उम्र 18 साल बताई गई है।

कहा जा रहा है कि कोर्ट में लड़की ने अपनी मां के साथ जाने की कोशिश की लेकिन, उसके पति ने जबरदस्ती उसे अपने साथ ही रहने पर मजबूर किया। गौरतलब है कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए बदनाम सिंध में यह पहली घटना नहीं है। जून के अंतिम हफ्ते में आई रिपोर्ट के अनुसार, सिंध प्रांत में बड़े स्तर पर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें मुस्लिम बनाए जाने का मामला सामने आया था।

सिंध के बादिन में 102 हिंदुओं को जबरन इस्लाम कबूल कराया गया। इन लोगों में बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल थे। बता दें कि मानवाधिकार संस्था मूवमेंट फॉर सॉलिडैरिटी एंड पीस (MSP) के अनुसार, पाकिस्तान में हर साल 1000 से ज्यादा ईसाई और हिंदू महिलाओं या लड़कियों का अपहरण किया जाता है। जिसके बाद उनका धर्म परिवर्तन करवा कर इस्लामिक रीति रिवाज से निकाह करवा दिया जाता है। पीड़ितों में ज्यादातर की उम्र 12 साल से 25 साल के बीच में होती है।
