फ्रांस सहित 6 यूरोपीय देशों का फिलीस्तीन को मान्यता का ऐलान, नाटो ने रूस को दी कड़ी चेतावनी

Edited By Updated: 23 Sep, 2025 06:31 PM

france among six more countries to formally recognise palestinian

फ्रांस और छह यूरोपीय देशों ने फिलीस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी। मैक्रों ने इसे गाजा, पश्चिमी तट और यरुशलम में शांति स्थापित करने के लिए जरूरी कदम बताया। अमेरिका और इजरायल ने विरोध किया।

International Desk: बड़े अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम के तहत जहां  फ्रांस और छह अन्य यूरोपीय देशों ने औपचारिक रूप से  फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश  के रूप में मान्यता दी है वहीं नाटो ने रूस के लिए कड़ी चेतावनी जारी की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों  ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष शिखर सम्मेलन में कहा कि गाजा में युद्ध, नरसंहार और मौतों को समाप्त करने का समय आ गया है। उन्होंने गाजा, पश्चिमी तट और यरुशलम में फिलीस्तीनी राज्य के गठन की योजना पेश की और इसे द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए आवश्यक कदम बताया।

 

इन देशों ने दी फिलीस्तीन को मान्यता
फ्रांस के अलावा  एंडोरा, माल्टा, लक्जमबर्ग, मोनाको और बेल्जियम  ने भी फिलीस्तीन को मान्यता देने का ऐलान किया। बेल्जियम ने कहा कि यह कानूनी रूप से तभी प्रभावी होगा जब हमास को हटाया जाएगा और बंधकों को रिहा किया जाएगा । स्पेन के प्रधानमंत्री  पेड्रो सांचेज़ ने इसे संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के पूर्ण सदस्य बनने की दिशा में मील का पत्थर बताया। ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल पहले ही फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं। इस तरह, फिलिस्तीन को अब तक 145 से अधिक देशों द्वारा मान्यता मिल चुकी है। हालांकि, अमेरिका और इजरायल ने इस पहल का विरोध किया।

 

अरब और मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया 
आठ अरब और मुस्लिम देशों के नेता डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं। इस बैठक में सऊदी अरब, तुर्की, पाकिस्तान, UAE, मिस्र, इंडोनेशिया, क़तर और जॉर्डन  शामिल होंगे। बैठक का उद्देश्य गाजा युद्ध को समाप्त करना और युद्ध के बाद की योजना पर चर्चा करना है। अमेरिकी और अरब अधिकारियों के अनुसार यह अमेरिकी योजना होगी, न कि इजरायली।
 

नाटो ने रूस को चेतावनी  
ब्रसेल्स में नाटो ने कहा कि वह अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघनों को रोकने के लिए  सभी साधनों का उपयोग करेगा । यह बयान इस महीने पोलैंड में रूसी ड्रोन और एस्टोनिया में रूसी लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के बाद आया।10 सितंबर को पोलैंड में पहली बार नाटो और रूस का आमना-सामना हुआ। एस्टोनिया ने कहा कि तीन रूसी लड़ाकू विमानों ने उसके हवाई क्षेत्र में 12 मिनट तक उड़ान भरी। रूस ने इस आरोप को खारिज किया। नाटो ने अपने अनुच्छेद 5  का जिक्र किया, जिसके तहत किसी सदस्य पर हमला सभी सदस्यों पर हमला माना जाएगा।नाटो ने कहा कि भविष्य में भी वह अपनी हवाई सीमाओं की रक्षा के लिए समय, क्षेत्र और तरीके चुनकर प्रतिक्रिया देगा। 

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