दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन का कैसे चलता है खर्च, नये पोप कैसे बढ़ा सकते हैं आमदनी?

Edited By Pardeep,Updated: 08 Jun, 2025 04:00 AM

how does the world s smallest country vatican manage its expenses

दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन के सामने बजट की बड़ी समस्या है। वेटिकन अपने निवासियों पर कर नहीं लगाता है या बांड जारी नहीं करता है। रोमन कैथोलिक चर्च की केंद्रीय सरकार मुख्य रूप से दान से चलती है, जिसमें लगातार गिरावट हो रही है।

इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन के सामने बजट की बड़ी समस्या है। वेटिकन अपने निवासियों पर कर नहीं लगाता है या बांड जारी नहीं करता है। रोमन कैथोलिक चर्च की केंद्रीय सरकार मुख्य रूप से दान से चलती है, जिसमें लगातार गिरावट हो रही है। इसके अलावा वैटिकन संग्रहालयों के लिए टिकट बिक्री, निवेश से होने वाली आय और रियल एस्टेट से कुछ आमदनी हो जाती है। 

रोमन कैथोलिक चर्च और वेटिकन सिटी की केंद्रीय प्रशासनिक संस्था 'होली सी' के मुताबिक 2021 में उसकी आमदनी 87.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर थी। हालांकि खर्च इससे ज्यादा था। पोप लियो 14वें के सामने सबसे बड़ी चुनौती वेटिकन को घाटे से बाहर निकालने की है। 

कोई भी वेटिकन को पैसे दान कर सकता है, लेकिन नियमित स्रोत दो मुख्य रूपों में आते हैं। कैनन कानून के अनुसार दुनिया भर के बिशपों को वार्षिक शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। वेटिकन के आंकड़ों के अनुसार सालाना एकत्र किए गए 2.2 करोड़ डॉलर में एक तिहाई से अधिक का योगदान अमेरिकी बिशपों ने दिया। वार्षिक दान का दूसरा मुख्य स्रोत आम कैथोलिकों के लिए अधिक जाना-पहचाना है- 'पीटर्स पेंस'। 

यह एक विशेष संग्रह है, जो आमतौर पर जून के आखिरी रविवार को लिया जाता है। अमेरिका से इस मद में औसतन 2.7 करोड़ डॉलर मिले, जो वैश्विक संग्रह के आधे से अधिक है। हालांकि इसमें लगातार गिरावट हो रही है। वेटिकन के अपने संस्थान भी लगातार अपना अंशदान कम कर रहे हैं। कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका के बिजनेस स्कूल में चर्च प्रबंधन कार्यक्रम के निदेशक रॉबर्ट गहल ने कहा कि लियो को अमेरिका के बाहर से दान जुटाना होगा, जो कोई छोटा काम नहीं है। उन्होंने कहा कि यूरोप में व्यक्तिगत रूप से परोपकार की परंपरा (और कर लाभ) बहुत कम है। 

वेटिकन के पास इटली में 4,249 संपत्तियां हैं। इसके अलावा लंदन, पेरिस, जिनेवा और स्विट्जरलैंड में 1,200 से अधिक संपत्तियां हैं। इनका लगभग पांचवां हिस्सा ही उचित बाजार मूल्य पर किराए पर दिया जाता है। लगभग 70 प्रतिशत से कोई आय नहीं होती है, क्योंकि उनमें वेटिकन या अन्य चर्च कार्यालय हैं। बाकी 10 प्रतिशत को वेटिकन कर्मचारियों को कम किराए पर दिया जाता है। 

वर्ष 2023 में, इन संपत्तियों से केवल 3.99 करोड़ डॉलर का लाभ हुआ। अमेरिका स्थित पापल फाउंडेशन के अध्यक्ष वार्ड फिट्जगेराल्ड ने कहा कि वेटिकन को भी कुछ संपत्तियां बेचने के लिए तैयार रहना चाहिए, जिनका रख-रखाव करना बहुत महंगा है। चुनौती इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में चर्च जाने वाले कैथोलिकों की संख्या घट रही है और कभी भरे रहने वाले चर्च खाली हो गए हैं। 

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