Edited By Tanuja,Updated: 17 May, 2022 05:22 PM
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को संसद में असफल हो गया। स्थानीय अखबार...
कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को संसद में असफल हो गया। स्थानीय अखबार 'इकोनॉमी नेक्स्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के सांसद एम ए सुमंथिरन द्वारा राष्ट्रपति राजपक्षे को लेकर नाराजगी जताने वाले मसौदे पर बहस के लिए संसद के स्थायी आदेशों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था।
रिपोर्ट में बताया गया कि 119 सांसदों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। केवल 68 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जिससे यह अविश्वास प्रस्ताव असफल हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्ताव के साथ विपक्ष ने यह दिखाने की कोशिश की कि राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की देशव्यापी मांग देश की विधायिका में कैसे परिलक्षित होती है।
बीच संसद ने मंगलवार को तीखी बहस के बाद सत्तारूढ़ दल के सांसद अजित राजपक्षे को सदन का उपाध्यक्ष चुन लिया। रनिल विक्रमसिंघे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद यह संसद की पहली बैठक है। अजित राजपक्षे (48) को गुप्त मतदान के जरिए कराए गए चुनाव में सदन का उपाध्यक्ष चुना गया। सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजना पेरेमुना (एसएलपीपी) के उम्मीदवार अजित को 109 वोट मिले, जबकि मुख्य विपक्षी दल सामागी जन बालवेग्या (एसजेबी) की रोहिणी कविरत्ने को 78 मतों से संतोष करना पड़ा।
अजित राजपक्षे का सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार से कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह उसी हम्बन्टोटा जिले से आते हैं जहां का सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार निवासी है। अध्यक्ष मंहिदा यापा अभयवर्धन ने 23 मतों को खारिज कर दिया। रंजीत सियामबलपतिया के इस्तीफे के बाद से ही संसद के उपाध्यक्ष का पद खाली पड़ा था। बैठक की शुरुआत में एसएलपीपी सांसद अमरकीर्ति अतुकोराला की मौत पर शोक जताया गया। पिछले हफ्ते सरकार समर्थक और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। इस दौरान उनके निजी सुरक्षा अधिकारी की भी मौत हो गई थी।