Edited By Tanuja,Updated: 23 Dec, 2025 03:47 PM

रूस ने क्रिसमस से ठीक पहले यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। 650 से ज्यादा ड्रोन और 30 मिसाइलों से 13 क्षेत्रों को निशाना बनाया गया। तीन लोगों की मौत हुई, जिनमें चार साल का बच्चा भी शामिल है। ज़ेलेंस्की ने इसे शांति वार्ता के बीच हिंसा...
International Desk: रूस ने क्रिसमस से कुछ दिन पहले यूक्रेन पर अब तक के सबसे बड़े हवाई हमलों में से एक को अंजाम दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के अनुसार, सोमवार रात रूस ने 650 से अधिक ड्रोन और 30 से ज्यादा मिसाइलें दागीं, जिनसे 13 अलग-अलग क्षेत्रों में भारी तबाही हुई। इस हमले में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें एक चार साल का मासूम बच्चा भी शामिल है। ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि हमले का मुख्य निशाना यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली और नागरिक ढांचा था, जिससे रोज़मर्रा की जिंदगी से जुड़ा पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रभावित हुआ है।
ज़ेलेंस्की ने लिखा कि कीव क्षेत्र में एक महिला की ड्रोन हमले में मौत हो गई, जबकि ख्मेलनित्स्की और झितोमिर क्षेत्रों में भी जानें गईं। झितोमिर में एक आवासीय इमारत पर ड्रोन गिरने से चार साल के बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। हालांकि यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम ने बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइलें मार गिराईं, लेकिन इसके बावजूद कई अहम ठिकाने हमले की चपेट में आ गए। ज़ेलेंस्की ने कहा कि मरम्मत दल और ऊर्जा कर्मी तुरंत मौके पर तैनात कर दिए गए हैं ताकि हालात सामान्य किए जा सकें। हमले के समय पर सवाल उठाते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा कि यह हमला क्रिसमस से पहले और शांति वार्ताओं के बीच किया गया, जो रूस की मंशा को साफ दर्शाता है।“
जब लोग अपने परिवारों के साथ घर में सुरक्षित रहना चाहते थे, तब यह हमला किया गया। यह दिखाता है कि पुतिन अब भी हत्या रोकने को तैयार नहीं हैं,” ज़ेलेंस्की ने कहा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस पर और कड़ा दबाव बनाने की अपील करते हुए कहा कि अब जवाब देने का वक्त है, ताकि रूस को शांति की ओर मजबूर किया जा सके। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने दावा किया कि रूस शांति के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि फ्लोरिडा के मियामी में अमेरिकी और रूसी प्रतिनिधिमंडलों के बीच हुई बातचीत “सकारात्मक और रचनात्मक” रही। हालांकि ज़मीन पर हालात इसके बिल्कुल उलट दिखाई दे रहे हैं।