पश्तून कार्यकर्ता ने UNHRC में पाक की खोली पोल, TTP के साथ संबंधों पर किया अहम खुलासा

Edited By Updated: 23 Mar, 2023 01:45 PM

pashtun activist at un exposes pakistan s ties with ttp

जिनेवा में पश्तून राजनीतिक कार्यकर्ता ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद  (UNHRC) के 52वें सत्र के दौरान एक बार फिर से पाकिस्तान की...

इंटरनेशनल डेस्कः जिनेवा में पश्तून राजनीतिक कार्यकर्ता ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद  (UNHRC) के 52वें सत्र के दौरान एक बार फिर से पाकिस्तान की पोल खोल कर रख दी है।  पश्तून कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान अफरीदी ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंधों का खुलासा करते हुए कहा कि हम खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) पाकिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति की ओर परिषद का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जो पश्तून जातीय अल्पसंख्यकों के बुनियादी मौलिक अधिकारों और जीवन के लिए जरूरी है।

 

उन्होंने कहा कि  पाकिस्तान और TTP के बीच अघोषित सौदे गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने परिषद को बताया कि सौदे के तहत करीब 44,000 टीटीपी उग्रवादियों और उनके परिवारों को केपीके में फिर से बसाना है। हजारों पश्तूनों, विशेष रूप से पश्तून संरक्षण आंदोलन ने इस सौदे के खिलाफ पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन किया है और अपनी भूमि की मांग की। उन्होंने कहा कि TTP को पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान का प्रतिनिधि माना जाता है, जिसने सबसे ख़तरनाक आत्मघाती हमले में से एक को अंजाम दिया। हमले में कम से कम 101 लोग मारे गए और 217 पश्तून सिविल लाइंस पेशावर और खैबर पख्तूनख्वा में घायल हो गए।

 

अफरीदी ने कहा कि TTP ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में 367 हमलों को अंजाम देने का दावा किया है। जिनमें खैबर पख्तूनख्वा में 348 हमले, बलूचिस्तान में 12, पंजाब में पांच और पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दो हमले हुए। 2022 में हुए इन हमलों में 446 लोग मारे गए और 1015 लोग घायल हुए। पश्तून कार्यकर्ता ने संयुक्त राष्ट्र से निष्पक्ष तंत्र के माध्यम से इन दुर्व्यवहारों की जांच करने और न्याय दिलाने की मांग की। 

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