पुतिन का G7 देशों को जवाब-कोई भी नियम बना लो रूस कम कीमत पर तेल नहीं बेचेगा

Edited By Tanuja,Updated: 13 Oct, 2022 11:09 AM

russia will not sell oil at lower price cap  says president putin

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को G7 देशों को दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए  कहा कि  रूस  किसी भी हालत में कम कीमत पर...

इंटरनेशनल डेस्कः रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को G7 देशों को दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए  कहा कि  रूस  किसी भी हालत में कम कीमत पर तेल नहीं बेचेगा। पुतिन का ये बयान ऐसे समय में आया है जब ग्रुप ऑफ सेवन (G7) द्वारा दुनिया भर में बेचे जाने वाले रूसी तेल की कीमत पर कैप लगाने का वादा किया गया है। G-7 देशों की घोषणा के बाद पुतिन ने कहा कि वे चाहे कोई नियम बना लें लेकिन रूस अपने तेल को कम कीमत पर नहीं बेचेगा।

 

रूसी सरकारी मीडिया आरटी के रूसी ऊर्जा सप्ताह 2022 कार्यक्रम में  पुतिन ने  कहा कि उनका देश बाल्टिक सागर के जरिए जर्मनी जाने वाली नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन से यूरोप को गैस की आपूर्ति फिर शुरू करने के लिए तैयार है। पुतिन ने मास्को में एक ऊर्जा मंच को संबोधित करते हुए फिर आरोप लगाया कि नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन के दोनों लिंक और नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन के दो में से एक लिंक में विस्फोटों के पीछे अमेरिका का हाथ होने की आशंका है। पाइपलाइन में विस्फोटों के कारण बड़े पैमाने पर गैस का रिसाव हुआ और आपूर्ति ठप हो गई। अमेरिका पहले भी पुतिन के ऐसे आरोपों को खारिज कर चुका है।

 

पुतिन ने कहा, "मुझे यह कहना है कि रूस हमारे अपने हितों के खिलाफ काम नहीं करेगा। हम तेल या गैस को कम कीमत पर ऑफर करके अपनी स्थिति को कम करने का काम नहीं करेंगे। नहीं, हम उनके (जी-7) आगे नहीं झुकेंगे। हम दूसरों द्वारा तय किए गए नियमों पर नहीं चलेंगे। हम हमारे नुकसान के लिए काम नहीं करेंगे।"पश्चिमी देश रूस से उसकी आय का सबसे बड़ा स्रोत 'तेल' छीनने के प्रयास तेज कर रहे हैं। यूरोन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में युद्ध अपने आठवें महीने के करीब है, जिसका कोई समाधान नहीं निकल रहा है।

 

ऐसे में पश्चिमी देशों को संदेह है कि रूस तेल की निरंतर बिक्री से अपने मुनाफे के साथ युद्ध को तेज कर रहा है। रूस के बजट का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा तेल से आता है।अगर जी-7 तेल की कीमत पर कैप लगाता है तो रूस दुनिया के अन्य देशों में उससे ज्यादा कीमत पर नहीं बेच पाएगा। हालांकि अभी तक जी-7 देशों ने रूसी तेल की कीमत तय नहीं की है। अगर रूसी तेल की कीमत पर कैप लगाई जाती है, तो रूस के राजस्व पर इसका बुरा असर पड़ेगा। यूरोन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के केंद्रीय बैंक के अनुसार, कच्चे तेल का निर्यात 2021 में 113 बिलियन यूरो था।

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