Edited By Tanuja,Updated: 08 Aug, 2024 02:37 PM
दक्षिण जापान में क्यूशू और शिकोकू द्वीपों में 6.9 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। गुरुवार दोपहर भूकंप आने के बाद दक्षिणी जापान के लिए...
Tokyo: दक्षिण जापान में क्यूशू और शिकोकू द्वीपों में 6.9 और 7.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। गुरुवार दोपहर भूकंप आने के बाद दक्षिणी जापान के लिए सुनामी की चेतावनी लागू की गई है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, दक्षिणी जापानी द्वीपों क्यूशू और शिकोकू के तटीय क्षेत्रों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई। जापान के सार्वजनिक प्रसारक एनएचके ने कहा कि यह मियाज़ाकी और कोच्चि प्रान्तों के लिए थी। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप मियाज़ाकी के तट से 20 मील से भी कम दूरी पर आया।
भूकंप का केंद्र जापान का क्यूशू द्वीप में जमीन से करीब 8.8 किमी नीचे बताया जा रहा है। मियाजाकी, कोची, ओएटा, कागोशिमा और इहिमे शहर में सुनामी की एडवाइजरी जारी की गई है। इससे पहले 1 जनवरी को जापान में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 318 लोगों की मौत हुई थी और 1300 लोग घायल हुए थे। इशिकावा में भूकंप से कई जगहों पर आग लग गई थी। इससे 200 इमारतें जलकर खाक हो गई थीं।
जापान में बार-बार सुनामी क्यों ?
भूकंप के लिहाज से जापान सबसे सेंसिटिव एरिया में है। ये दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। इशिकावा प्रांत, जहां भूकंप आया है, महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर, के करीब स्थित है। रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। इनके असर से ही सुनामी आती है और वोल्केनो भी फटते हैं। दुनिया के 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। दुनिया में जितने सक्रिय ज्वालामुखी हैं, उनमें से 75% इसी क्षेत्र में हैं।