Edited By Mehak,Updated: 16 Sep, 2025 11:28 AM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वॉशिंगटन डीसी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने सोमवार को ट्रंप को फेडरल रिजर्व की गवर्नर लीसा कुक को उनके पद से हटाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसका मतलब है कि कुक आगामी फेडरल...
इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वॉशिंगटन डीसी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने सोमवार को ट्रंप को फेडरल रिजर्व की गवर्नर लीसा कुक को उनके पद से हटाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसका मतलब है कि कुक आगामी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक (मंगलवार और बुधवार को) में हिस्सा ले सकेंगी। इस बैठक में अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है। यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने 1913 में स्थापित केंद्रीय बैंक के किसी गवर्नर को हटाने की कोशिश की है।
अदालत का फैसला
अदालत ने यह निर्णय 2-1 के बहुमत से सुनाया।
- बहुमत में रहे जज ब्रैडली गार्सिया और जे. मिशेल चाइल्ड्स, दोनों को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था।
- वहीं, ट्रंप द्वारा नियुक्त जज ग्रेगरी कैटसस ने इस फैसले से असहमति जताई।
इससे पहले निचली अदालत के जज जिया कोब ने 9 सितंबर को आदेश दिया था कि ट्रंप कुक को हटाने की कार्रवाई नहीं कर सकते। अब अपील अदालत ने भी उसी आदेश को बरकरार रखा है। ट्रंप प्रशासन अब इस फैसले को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।

कानून क्या कहता है?
फेडरल रिजर्व की स्थापना के समय अमेरिकी कांग्रेस ने यह प्रावधान किया था कि इसके गवर्नरों को राजनीतिक दबाव से बचाया जाए। राष्ट्रपति केवल 'कारण' (for cause) दिखाकर ही गवर्नरों को हटा सकते हैं। लेकिन 'कारण' की परिभाषा साफ नहीं है और न ही कभी किसी राष्ट्रपति ने इस अधिकार का इस्तेमाल किया। यही वजह है कि यह मामला अमेरिकी अदालतों में पहली बार परखा जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन का क्या कहना है?
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि राष्ट्रपति के पास फेड गवर्नरों को हटाने का पूरा अधिकार है और अदालतों को इस प्रक्रिया में दखल देने का अधिकार नहीं होना चाहिए। ट्रंप और उनके सहयोगी विलियम पुल्टे ने आरोप लगाया है कि लीसा कुक ने मॉर्टगेज (घर की लोन प्रक्रिया) में तीन संपत्तियों का गलत विवरण दिया था, जिससे उन्हें कम ब्याज दर और टैक्स लाभ मिला। प्रशासन का दावा है कि ऐसे मामले फेडरल रिजर्व की 'अखंडता' को नुकसान पहुंचाते हैं और कुक को हटाना जरूरी है।
लीसा कुक का बयान
कुक की तरफ से दलील दी गई कि ट्रंप के आरोप उनके गवर्नर बनने से पहले के हैं और यह सिर्फ बहाना है, ताकि उन्हें उनके मौद्रिक नीति संबंधी विचारों के कारण हटाया जा सके। कुक के वकीलों ने कहा कि नीति बैठक से पहले उन्हें हटाने की कोशिश अमेरिकी और वैश्विक वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर सकती है।
कौन हैं लीसा कुक?
लीसा कुक फेडरल रिजर्व की पहली अश्वेत महिला गवर्नर हैं। वे मई 2022 से इस पद पर काम कर रही हैं। उनका जन्म जॉर्जिया (अमेरिका) में हुआ था। 1986 में उन्होंने स्पेलमैन कॉलेज से भौतिकी और दर्शनशास्त्र में स्नातक किया। इसके बाद ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से 1988 में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में दूसरी डिग्री प्राप्त की। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से 1997 में उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की।
कुक ने हाल ही में अगस्त के अंत में ट्रंप और फेड के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। उनका कहना है कि यह कार्रवाई उनके विचारों को दबाने और उन्हें फेड की नीतियों से दूर रखने की साज़िश है।