Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Feb, 2021 09:41 AM
चीन ने कोरोना वायरस (covid-19) की उत्पत्ति की जांच के लिए वहां गए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दल के साथ कोरोना मामलों का डाटा शोयर करने से इनकार कर दिया। वहीं CNN की रिपोर्ट के मुताबिक भले ही चीन ने WHO को अच्छे से जांच न करने दी हो लेकिन टीम को कुछ...
इंटरनेशनल डेस्क: चीन ने कोरोना वायरस (covid-19) की उत्पत्ति की जांच के लिए वहां गए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दल के साथ कोरोना मामलों का डाटा शोयर करने से इनकार कर दिया। वहीं CNN की रिपोर्ट के मुताबिक भले ही चीन ने WHO को अच्छे से जांच न करने दी हो लेकिन टीम को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिससे पता चलता है कि चीन में दिसंबर, 2019 में ही कोरोना वायरस के व्यापक फैलाव के संकेत मिल चुके थे। WHO के दल के प्रमुख जांचकर्ता पीटर बेन एम्बार्क ने CNN को दिए इंटरव्यू में इसकी पुष्टि की है।
एम्बार्क ने कहा कि चीन में 2019 में ज्यादा बड़े पैमाने पर वायरस के फैलने के संकेत मिलने की बाच पता चली है। उन्होंने कहा कि दिसंबर में वुहान में पहले से ही वायरस का स्ट्रेन मौजूद थे। बता दें कि WHO ने सदस्य ऑस्ट्रेलिया के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डोमिनिक ड्वायर ने शनिवार को बताया कि दल ने चीन के अधिकारियों से दिसंबर 2019 में वुहान शहर में शुरुआती चरण में कोरोना वायरस के मरीजों के 174 मामलों और अन्य का डाटा साझा करने अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने केवल इसका सार उपलब्ध कराया।
अल जजीरा की रिपोटर् के अनुसार इस तरह के डाटा को ‘लाइन लिस्टिंग' के रूप में जाना जाता है। इस विवरण में मरीजों से पूछे गए व्यक्तिगत प्रश्न, उनकी प्रतिक्रियाएं और उनकी प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण कैसे किया गया शामिल है। उन्होंने कहा कि जांच के लिए शुरुआती डाटा मिलना जरूरी होता है लेकिन चीनी अधिकारियों ने उसे साझा करने से इनकार कर दिया।