Edited By Anu Malhotra,Updated: 14 Jun, 2025 11:33 AM

एक भयानक विमान हादसे का सामना कर जिंदा बचने वाले थाई अभिनेता-सिंगर रुंगसक लॉइचुसक को एयर इंडिया के हालिया विमान हादसे की खबर सुनते ही एक अजीब और चौंकाने वाली समानता महसूस हुई। रुंगसक ने पाया कि इस बार के हादसे का एकमात्र जीवित बचा यात्री भी उसी सीट...
नेशनल डेस्क: एक भयानक विमान हादसे का सामना कर जिंदा बचने वाले थाई अभिनेता-सिंगर रुंगसक लॉइचुसक को एयर इंडिया के हालिया विमान हादसे की खबर सुनते ही एक अजीब और चौंकाने वाली समानता महसूस हुई। रुंगसक ने पाया कि इस बार के हादसे का एकमात्र जीवित बचा यात्री भी उसी सीट नंबर 11A पर बैठा था, जिस सीट पर वे 27 साल पहले सुरक्षित रहे थे।
27 साल पहले भी हुआ था इसी सीट का चमत्कार
11 दिसंबर 1998 को, तब 20 वर्षीय रुंगसक थाई एयरवेज फ्लाइट TG261 में सवार थे। यह विमान दक्षिणी थाईलैंड में लैंडिंग के दौरान अचानक नियंत्रण खो बैठा और एक दलदली क्षेत्र में जा गिरा। इस दुर्घटना में कुल 146 यात्रियों में से 101 की मौत हो गई, लेकिन रुंगसक उस भीषण हादसे से बाल-बाल बच गए थे। उस समय उनका सीट नंबर भी 11A था।
एयर इंडिया हादसे में फिर हुआ कमाल
हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही एयर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर विमान AI171 का दुर्घटनाग्रस्त होना और उसमें सवार 242 लोगों में से सिर्फ एक ही यात्री बच पाया। वह था ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश। रमेश भी उसी सीट 11A पर बैठे थे जहां रुंगसक 27 साल पहले बैठे थे।
रुंगसक ने फेसबुक पर थाई भाषा में लिखा, “भारत में विमान दुर्घटना का एक जीवित बचा यात्री, जो मेरी ही सीट 11A पर था।” उन्होंने बताया कि उनके पास 1998 के उस समय का बोर्डिंग पास तो नहीं है, लेकिन अखबारों में उनका सीट नंबर दर्ज था।
दोनों यात्रियों की अनकही कहानी
रुंगसक ने अपनी मौत से बचने की कहानी कई बार बताई है। उस हादसे के बाद उन्होंने लगभग दस साल तक हवाई यात्रा नहीं की क्योंकि वह उस हादसे का मानसिक दर्द और ‘सर्वाइवर गिल्ट’ महसूस करते थे। रुंगसक अपने जीवन को “दूसरी जिंदगी” बताते हैं। उन्होंने एयर इंडिया हादसे से प्रभावित परिवारों के प्रति गहरा दुख भी व्यक्त किया।
विश्वाश कुमार रमेश, जो इस विमान हादसे के बाद अस्पताल से बोले, ने बताया कि वे नहीं समझ पा रहे हैं कि वे कैसे बच गए जबकि सभी अन्य यात्री मारे गए। उन्होंने कहा, “मुझे लगा मैं भी मर जाऊंगा, लेकिन जब मैं होश में आया तो मैंने अपनी सीट बेल्ट खोलकर विमान से बाहर निकलने की कोशिश की।”
11A सीट की लोकप्रियता बढ़ी
रमेश के इस चमत्कारी बचाव के बाद से विमान यात्रियों में आपातकालीन निकास सीटों खासकर 11A सीट की मांग में तेजी आई है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस सीट को बुक करने के लिए उत्सुक हो रहे हैं।