UN में बोला भारत, मुंबई आतंकी हमले के अपराधी पाकिस्तान में पांच-सितारा सुविधाओं का उठा रहे लुत्फ

Edited By Updated: 19 Jan, 2022 01:28 PM

al qaeda contacts with pak terrorist organizations are getting stronger india

संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कहा है कि 1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार अपराधी पाकिस्तान में पांच-सितारा सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं और उन्हें सरकारी संरक्षण मिला हुआ है। उनका परोक्ष इशारा अंअंतर्राष्ट्रीय...

नेशनल डेस्क: संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कहा है कि 1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार अपराधी पाकिस्तान में पांच-सितारा सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं और उन्हें सरकारी संरक्षण मिला हुआ है। उनका परोक्ष इशारा अंअंतर्राष्ट्रीय अपराधी दाऊद इब्राहीम की तरफ था। 

 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के साथ अल-कायदा के संपर्क लगातार मजबूत हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने यह बात कही। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इस आतंकवादी संगठन को ताकतवर होने का मौका ही दिया है।

 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने ‘ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म काउंसिल' द्वारा मंगलवार को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक कार्रवाई सम्मेलन 2022 में कहा कि इस्लामिक स्टेट (IS) ने अपने तरीके बदल लिए हैं और उसका मुख्य रूप से ध्यान सीरिया तथा इराक में फिर से जमीन मजबूत करने पर है तथा इसके क्षेत्रीय सहयोगी संगठन विशेष रूप से अफ्रीका और एशिया में अपना विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह, अल-कायदा बड़ा खतरा बना हुआ है तथा अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम ने उन्हें फिर से मजबूत होने का मौका ही दिया है।

 

लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ अल-कायदा के संपर्क लगातार मजबूत हो रहे हैं। अफ्रीका में इसके क्षेत्रीय सहयोगी लगातार विस्तार कर रहे हैं। तिरूमूर्ति UNSC की आतंकवाद निरोधक कार्रवाई समिति के 2022 के लिए अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकवाद निरोधक कार्रवाई के संदर्भ में 2001 के 9/11 के आतंकवादी हमले ‘आतंकवाद को लेकर हमारे प्रयासों की दिशा में निर्णायक मोड़' साबित हुए थे। उन्होंने कहा कि 11 सितंबर को हुए इन हमलों ने इस बात को रेखांकित किया था कि आतंकवाद का खतरा गंभीर और सार्वभौमिक है तथा संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के समन्वित प्रयासों से ही इसे हराया जा सकता है।

 

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘आतंकवादियों को ‘आपके आतंकवादी' और ‘मेरे आतंकवादी' के रूप में वर्गीकृत करने का समय चला गया है। आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा होनी चाहिए और आतंकवाद के किसी भी कृत्य को अपवाद नहीं माना जा सकता या जायज नहीं ठहराया जा सकता, चाहे इस तरह के कृत्यों के पीछे मकसद कुछ भी हो और इन्हें कहीं भी, कभी भी और किसी ने भी अंजाम दिया हो। भारतीय राजनयिक ने कहा कि आतंकवाद की समस्या को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

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