आपातकाल के 50वीं वर्षगांठ पर अमित शाह ने किया काला दौर याद, कहा - 'आपातकाल जैसी घटनाएं लोकतंत्र को झकझोरने वाली'

Edited By Rahul Rana,Updated: 24 Jun, 2025 08:53 PM

amit shah remembered the dark period of emergency on 50th anniversary

भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को आज 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर दिल्ली में 'आपातकाल के 50 साल' शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिरकत की।

National Desk : भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को आज 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर दिल्ली में 'आपातकाल के 50 साल' शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिरकत की। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा, "आज हम आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर हैं। यह सवाल उठ सकता है कि पांच दशक पहले हुई घटना पर अब चर्चा क्यों की जाए। लेकिन जब कोई राष्ट्रीय घटना—चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक 50 साल पूरे करती है, तो उसकी स्मृति समाज में धुंधली पड़ने लगती है।" उन्होंने आगे कहा, "अगर हम लोकतंत्र को झकझोर देने वाली आपातकाल जैसी घटनाओं को भूल जाएं, तो यह देश और लोकतंत्र दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं की याद बनाए रखना जरूरी है, ताकि भविष्य में उनसे सबक लिया जा सके।"


भारतीय नहीं करते तानाशाह स्वीकार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 'आपातकाल के 50 साल' कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि उस दौर की लड़ाई इसलिए जीती गई क्योंकि भारतवासी किसी भी प्रकार की तानाशाही को स्वीकार नहीं करते। उन्होंने कहा, "भारत लोकतंत्र की जननी है, और इस देश में अधिनायकवाद की कोई जगह नहीं है।" उन्होंने कहा कि उस समय कुछ तानाशाही प्रवृत्ति वाले लोगों और उनके लाभार्थियों को छोड़कर, देश के आम नागरिकों ने आपातकाल को कभी स्वीकार नहीं किया। "उन्हें यह भ्रम था कि उन्हें कोई चुनौती नहीं देगा," शाह ने कहा। "लेकिन जैसे ही आपातकाल समाप्त हुआ और चुनाव हुए, तो स्वतंत्र भारत में पहली बार कांग्रेस के बाहर की सरकार बनी और मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने।" अमित शाह ने कहा कि आपातकाल को केवल एक वाक्य में बांधना आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने अपनी ओर से एक परिभाषा देने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "एक लोकतांत्रिक देश में बहुदलीय व्यवस्था को जबरन तानाशाही में बदलने का षड्यंत्र ही आपातकाल कहलाता है।"

'मैं उस दिन को कभी नहीं भूलूंगा' : अमित शाह
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "जरा सोचिए, अगर किसी ने सिर्फ आज़ादी की बात की और उसे जेल में डाल दिया गया हो। यह कितना अमानवीय था। हम आज उस पीड़ा की कल्पना भी नहीं कर सकते जो उस सुबह भारतवासियों ने महसूस की होगी।" उन्होंने कहा, "जब आपातकाल लागू किया गया, तब मेरी उम्र केवल 11 साल थी।
गुजरात में उस समय आपातकाल का प्रभाव तुलनात्मक रूप से कम था क्योंकि वहां जनता पार्टी की सरकार थी। हालांकि, कुछ समय बाद वह सरकार भी गिरा दी गई।" अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए अमित शाह ने बताया, "मैं एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखता हूं, और मेरे गांव से ही 184 लोगों को जेल में डाला गया था। वे दिन, वो दृश्य मैं कभी नहीं भूल सकता – जब निर्दोष लोगों को सिर्फ आवाज उठाने के लिए सलाखों के पीछे भेजा गया। वह समय मेरे जीवन की यादों में हमेशा जीवित रहेगा।"

यह भी पढ़े : World War 3 Alert: तीसरा विश्व युद्ध होने पर दुनिया में सबसे सुरक्षित होंगे यह देश, देखें लिस्ट

सत्ता बचाना था असली मकसद : अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, "सुबह 8 बजे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑल इंडिया रेडियो पर देश को बताया कि राष्ट्रपति ने आपातकाल लागू कर दिया है। लेकिन क्या इस फैसले से पहले संसद की मंजूरी ली गई थी? क्या कैबिनेट की बैठक हुई थी? क्या विपक्ष को भरोसे में लिया गया था?"
अमित शाह ने कहा, "जो लोग आज लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि वे उसी पार्टी से जुड़े हैं जिसने देश में लोकतंत्र को कुचल दिया था। आपातकाल लगाने का जो कारण बताया गया वह था राष्ट्रीय सुरक्षा, लेकिन असली वजह थी – अपनी सत्ता को बचाना।" उन्होंने आगे कहा, "इंदिरा गांधी उस समय प्रधानमंत्री थीं, लेकिन अदालत के एक फैसले के बाद वे संसद में वोट नहीं कर सकती थीं। उनके पास प्रधानमंत्री पद के अधिकार नहीं बचे थे। फिर भी उन्होंने पद से इस्तीफा देने के बजाय नैतिकता को त्याग दिया और कुर्सी पर बनी रहीं।"

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!