Chenab Bridge: चीन को क्यों डरा रहा है भारत का चिनाब ब्रिज? राज़ जानकर चौंक जाएंगे!

Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Jun, 2025 09:41 PM

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भारत का चिनाब रेल ब्रिज इन दिनों दुनिया भर में सुर्खियों में है — और इसके पीछे वजह सिर्फ इसकी ऊंचाई नहीं, बल्कि उसका रणनीतिक महत्व और अद्भुत निर्माण तकनीक है। 6 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए इस ब्रिज ने सिर्फ एक नया...

नेशनल डेस्क: भारत का चिनाब रेल ब्रिज इन दिनों दुनिया भर में सुर्खियों में है — और इसके पीछे वजह सिर्फ इसकी ऊंचाई नहीं, बल्कि उसका रणनीतिक महत्व और अद्भुत निर्माण तकनीक है। 6 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए इस ब्रिज ने सिर्फ एक नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा नहीं किया, बल्कि भारत की सैन्य और रणनीतिक ताकत को भी एक नया आयाम दिया है। यह पुल अब जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला एक स्थायी और सशक्त माध्यम बन गया है। इसकी खासियतें ही हैं कि आज यह पुल भारत की प्रतिष्ठा और दुश्मनों की परेशानी दोनों का केंद्र बन चुका है।

दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल - इंजीनियरिंग का नायाब नमूना

चिनाब ब्रिज को यूं ही नहीं 'वर्ल्ड हाईएस्ट रेलवे ब्रिज' कहा जा रहा। एफिल टॉवर से भी ऊंचे इस पुल की ऊंचाई जमीन से करीब 359 मीटर है, यानी यह इंजीनियरिंग की दुनिया में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बन चुका है। यह देश का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज भी है, जिसे बेहद चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों में बनाया गया।

पाकिस्तान और चीन क्यों हैं घबराए हुए?

चिनाब ब्रिज ने सिर्फ यात्रियों की सुविधा नहीं बढ़ाई, बल्कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूती दी है। पहले कश्मीर में बर्फबारी या खराब मौसम के दौरान सेना की मूवमेंट बाधित हो जाती थी, लेकिन अब इस पुल के जरिए सेना LoC से लेकर LAC तक हर मौसम में तेजी से पहुंच बना सकती है। यही कारण है कि पाकिस्तान और चीन दोनों इस पुल को लेकर चिंतित हैं।

कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीन ने इस पुल को लेकर जासूसी तक करवाई थी। इसका साफ संकेत है कि यह ब्रिज भारत की स्ट्रैटजिक मूवमेंट और लॉजिस्टिक सप्लाई के लिहाज से कितना अहम है।

 भारत को क्या मिलेंगे फायदे?

  • तीव्र यातायात कनेक्टिविटी: अब कटरा से श्रीनगर का सफर सिर्फ 3 घंटे में मुमकिन होगा।

  • हर मौसम में कनेक्टिविटी: भारी बर्फबारी और प्राकृतिक अवरोधों के बावजूद यह पुल सुचारु संचालन सुनिश्चित करेगा।

  • राष्ट्रीय सुरक्षा में बढ़त: सेना को अब सीमावर्ती क्षेत्रों में पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

  • ट्रेड और टूरिज्म को बढ़ावा: पुल से जुड़ा कार्गो टर्मिनल कश्मीर में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और पर्यटकों की आवाजाही भी आसान होगी।

  • स्थानीय रोजगार और विकास: निर्माण से लेकर संचालन तक इस प्रोजेक्ट ने हजारों लोगों को रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट दिया है।

 जानिए वो 5 बड़े राज़ जो चीन को बना रहे बेचैन:

  1. हर मौसम में कश्मीर की पहुंच:
    अब बर्फबारी या मौसम खराब होने पर भी सेना और सामान की सप्लाई में कोई बाधा नहीं आएगी, जिससे भारत की सैन्य ताकत और तेज होगी।

  2. स्ट्रैटजिक कनेक्टिविटी:
    यह पुल LoC से लेकर LAC तक सेना की त्वरित और सुरक्षित मूवमेंट सुनिश्चित करता है, जो चीन के लिए खतरे की घंटी है।

  3. ट्रेड और टूरिज्म को मिलेगा बूस्ट:
    कश्मीर घाटी में व्यापार और पर्यटन बढ़ने से क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा, जिससे भारत की पकड़ मजबूत होगी।

  4. चीन की जासूसी बढ़ी:
    रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन इस ब्रिज की तकनीक और लोकेशन की गुप्त जानकारी जुटाने में लगा है, ताकि भारत की सैन्य योजना पर नजर रख सके।

  5. रक्षा और विकास में भारत का नया चेहरा:
    22 साल की मेहनत से बना यह पुल भारत की इंजीनियरिंग और सुरक्षा रणनीति का प्रतीक बन चुका है, जो पड़ोसी देशों की योजनाओं को ध्वस्त कर सकता है।

 

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