दिल्ली की अदालत ने दुष्कर्म के एक आरोपी को दी जमानत, कहा- महिला ने FIR में तथ्य छिपाए

Edited By Harman Kaur,Updated: 11 Jun, 2025 07:11 PM

delhi court granted bail to a accused said the woman hid facts in the fir

दिल्ली की एक अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी एक व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि शिकायतकर्ता ने उसे लंबे समय से जानने के बावजूद प्राथमिकी में झूठा दावा किया कि वह उसे नहीं जानती है।

नेशनल डेस्क: दिल्ली की एक अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी एक व्यक्ति को यह कहते हुए जमानत दे दी कि शिकायतकर्ता ने उसे लंबे समय से जानने के बावजूद प्राथमिकी में झूठा दावा किया कि वह उसे नहीं जानती है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कपिल कुमार आरोपी धीरज कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे और उसका पक्ष रखने के लिए प्रदीप खत्री में पेश हुए थे। धीरज कुमार के खिलाफ बेगमपुर पुलिस थाना में बलात्कार और आपराधिक धमकी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अदालती ने 27 मई को पारित आदेश में कहा गया कि प्राथमिकी में महिला ने दावा किया है कि नौ और 13 फरवरी को आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया और वह उसे नहीं जानती। खत्री ने दलील दी कि महिला 2022 में सुरेश नामक व्यक्ति के घर में आरोपी के साथ रह चुकी है और उन्होंने मकान मालिक के बयान का हवाला दिया।

अदालत ने इस तथ्य पर संज्ञान लिया और कहा कि इससे प्राथमिकी के तथ्यों की विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुंचा है, जिसमें महिला ने घटना से पहले आरोपी को न जानने का बयान दर्ज किया है। अदालत ने जांच अधिकारी के इस कथन पर भी संज्ञान लिया कि महिला लंबे समय से कुमार के संपर्क में थी और फोन कॉल के रिकॉर्ड से जानकारी मिली है कि कथित अपराध से पहले महिला ने कुमार और उनकी मां को ‘‘सैकड़ों (फोन) कॉल'' किए थे।

आदेश में कहा गया है, ‘‘रिपोर्ट के अनुसार, अभियोक्ता उस लड़की के संपर्क में थी, जिसके साथ आरोपी की शादी तय हुई थी। जांच अधिकारी ने उस लड़की से पूछताछ की, जिसके साथ आरोपी की शादी तय हुई थी और अभियोक्ता और उस लड़की के बीच रिकॉर्ड पर मौजूद व्हाट्सऐप चैट को सत्यापित किया, जिसमें अभियोक्ता ने उस लड़की से आरोपी के साथ संबंध तोड़ने के लिए कहा था।''

50,000 रुपए के जमानती बॉन्ड पर दी जमानत
अदालत ने कहा कि यह पाया गया कि महिला आरोपी के साथ रिश्ते में थी, लेकिन इस तथ्य का उल्लेख उसने प्राथमिकी में नहीं की। न्यायाधीश ने कहा कि यह भी सामने आया कि कुमार के भाई ने कई मौकों पर महिला के बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित की। अदालत ने आगे कोई टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है, लेकिन मुकदमे में समय लगेगा। कुमार का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और इसलिए उन्हें 50,000 रुपए के मुचलके और जमानती बॉन्ड पर जमानत दी जाती है।

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