Amazon और Flipkart पर बिक रहे फेक सामान: आपकी जिंदगी और पैसे से हो रहा 'खिलवाड़'

Edited By Updated: 27 Mar, 2025 05:52 PM

fake products being sold on amazon and flipkart your life and money

आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो सामान आपको इतनी सस्ती कीमत पर मिल रहा है, वह असली है या नहीं? क्या यह प्रोडक्ट्स वास्तविक हैं या फिर फेक हैं, जो आपके पैसे के साथ-साथ आपकी जिंदगी को भी खतरे में डाल सकते...

नेशनल डेस्क: आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो सामान आपको इतनी सस्ती कीमत पर मिल रहा है, वह असली है या नहीं? क्या यह प्रोडक्ट्स वास्तविक हैं या फिर फेक हैं, जो आपके पैसे के साथ-साथ आपकी जिंदगी को भी खतरे में डाल सकते हैं? हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने इस मुद्दे को लेकर कई छापेमारी की है, जिससे यह साफ हो गया है कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फेक सामान बिक रहे हैं, और यह गड़बड़ियां बड़ी चौंकाने वाली हैं।

Amazon पर मिली गड़बड़ी

बीते दिनों दिल्ली में भारतीय मानक ब्यूरो की टीम ने मोहन को-ऑपरेटिव इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित Amazon Sellers Private Limited के गोदाम में 15 घंटे से ज्यादा समय तक छापेमारी की। इस छापेमारी में करीब 3500 से ज्यादा ऐसे प्रोडक्ट्स जब्त किए गए जो बिना ISI मार्क के बेचे जा रहे थे। ये प्रोडक्ट्स, जिनमें Geysers, फूड मिक्सर और अन्य होम अप्लायंसेज शामिल थे, फेक ISI लेबल के साथ बेचे जा रहे थे। इसका मतलब यह है कि इन प्रोडक्ट्स की क्वालिटी बेहद खराब थी और इनके इस्तेमाल से गंभीर खतरे हो सकते हैं, जैसे करंट लगने का जोखिम। इन जब्त किए गए प्रोडक्ट्स की कुल कीमत करीब 70 लाख रुपए बताई जा रही है।

Flipkart पर भी छापेमारी

दूसरी ओर, Flipkart के साथ भी गड़बड़ी सामने आई है। दिल्ली के त्रिनगर में स्थित Flipkart की सहायक कंपनी  Instacart Services Pvt. Ltd. पर भी छापेमारी की गई। BIS की टीम को यहां बिना ISI मार्क और डेट ऑफ मैन्युफैक्चरिंग के प्रोडक्ट्स मिले। इनमें 590 जोड़ी स्पोर्ट्स फुटवियर शामिल थे, जिनकी कीमत लगभग 6 लाख रुपए थी। इन प्रोडक्ट्स को भी BIS टीम ने जब्त किया।

समानांतर छापेमारी की कार्रवाई

पिछले एक महीने में भारतीय मानक ब्यूरो ने देश के विभिन्न राज्यों में इस तरह की कार्रवाई की है, जिसमें दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, लखनऊ और श्रीपेरंबदूर जैसे शहरों से घटिया क्वालिटी के सामान जब्त किए गए। BIS से वैध लाइसेंस या अनुपालन प्रमाणपत्र (COC) के बिना इन सामानों का निर्माण, आयात, वितरण और बिक्री करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। 

क्या इसका मतलब है कि हम ऑनलाइन शॉपिंग पर विश्वास नहीं कर सकते?

यह घटनाएं साफ करती हैं कि बाजार में फेक सामान की भारी संख्या बढ़ रही है, जो ना सिर्फ उपभोक्ताओं के पैसे, बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकती है। इस मुद्दे को लेकर उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है और इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि वे किस विक्रेता से सामान खरीद रहे हैं। भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि सस्ती कीमतों पर मिलने वाले सामान हमेशा विश्वसनीय नहीं होते। BIS की इन छापेमारियों ने यह साबित कर दिया है कि Amazon और Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भी फेक सामान बिक रहे हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। अब उपभोक्ताओं को इन प्लेटफॉर्म्स से सामान खरीदते वक्त सतर्क रहना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि वे केवल प्रमाणित विक्रेताओं से ही प्रोडक्ट्स खरीदें।

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