Farmers Protest: राकेश टिकैत की चेतावनी, 26 जनवरी को देश में एक साथ चलेंगे टैंक और ट्रैक्टर

Edited By Anil dev,Updated: 13 Jan, 2021 06:28 PM

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कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध तेज होता जा रहा है। किसानों ने साफ कर दिया है कि  बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में कोई देश विरोधी बातें कर रहा है तो सरकार उसे गिरफ़्तार...

नेशनल डेस्क: कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध तेज होता जा रहा है। किसानों ने साफ कर दिया है कि  बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में कोई देश विरोधी बातें कर रहा है तो सरकार उसे गिरफ़्तार करे। कृषि क़ानून कैसे ख़त्म हो सरकार इस पर काम करे। सरकार ने 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर बैन लगाया है तो हम 10 साल पुराने ट्रैक्टर को दिल्ली की सड़कों पर चला कर दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को देश में टैंक और ट्रेक्टर एक साथ चलेंगे।  राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के चारो तरफ 200 किलोमीटर दायरे में आंदोलन तेज है। आंदोलन दबाने की साजिश हुई तो 10 हजार की मौत होगी क्यों की किसान या तो जीतकर जाएगा या मरकर जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हम गए नहीं।  हमारा आंदोलन भारत सरकार के खिलाफ है। 

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कानून वापस लेने तक नहीं होगा आंदोलन खत्म
इससे पहले किसान नेताओं ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया, लेकिन कहा कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। करीब 40 आंदोलनकारी किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने अगले कदम पर विचार करने के लिए आज एक बैठक बुलाई है। किसान नेताओं ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की तरफ से नियुक्त किसी भी समिति के समक्ष वे किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहते हैं लेकिन इस बारे में औपचारिक निर्णय मोर्चा लेगा। मोर्चा के वरिष्ठ नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कृषि कानूनों पर रोक लगाने के अदालत के आदेश का हम स्वागत करते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि कानून पूरी तरह वापस लिए जाएं।

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दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
एक अन्य किसान नेता हरिंदर लोखवाल ने कहा कि जब तक विवादास्पद कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते हैं, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अगले आदेश तक विवादास्पद कृषि कानूनों पर रोक लगा दी और एक समिति का गठन करने का निर्णय किया ताकि केंद्र और किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध का समाधान किया जा सके। इन कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह इस बारे में आदेश पारित करेगी। समिति तीनों कानूनों के खिलाफ किसानों की शिकायतों पर गौर करेगी। हरियाणा और पंजाब सहित देश के विभिन्न हिस्सों के किसान पिछले वर्ष 28 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं और तीनों कानूनों को वापस लेने तथा अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग कर रहे हैं। 


 

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