Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Dec, 2025 11:59 AM

अगर आप नए साल 2026 में जम्मू-कश्मीर का जश्न मनाने की सोच रहे हैं, तो मौसम विभाग की चेतावनी आपके लिए बेहद अहम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार मंगलवार दोपहर से अगले दो दिनों तक राज्य में बारिश और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना है।
नेशनल डेस्क: अगर आप नए साल 2026 में जम्मू-कश्मीर का जश्न मनाने की सोच रहे हैं, तो मौसम विभाग की चेतावनी आपके लिए बेहद अहम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार मंगलवार दोपहर से अगले दो दिनों तक राज्य में बारिश और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना है।
सड़कें बंद, यात्रा पर असर
IMD की चेतावनी के मद्देनजर कश्मीर के ऊपरी हिस्सों की कई सड़कें बंद कर दी गई हैं। मैदानी इलाकों में भारी बारिश की संभावना है, जबकि ऊपरी इलाकों में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को बर्फबारी के पूरे आसार हैं।
ट्रैफिक एडवाइजरी: यात्रियों और परिवहनकर्ताओं से कहा गया है कि वे प्रशासन और ट्रैफिक विभाग की सलाह का पालन करें और जोखिम भरे इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचें।
ट्रैफिक बंद रूट्स
अधिकारियों ने खराब मौसम के मद्देनजर निम्नलिखित रूट्स पर ट्रैफिक रोक दी है:
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श्रीनगर-लेह हाईवे
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अनंतनाग जिले का सिंथन पास
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घाटी को किश्तवाड़ जिले से जोड़ने वाला मरगन पास
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घाटी को जम्मू डिवीजन से जोड़ने वाला मुगल रोड
हालांकि, श्रीनगर-जम्मू हाईवे अभी भी चालू है।
तापमान का हाल
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श्रीनगर: न्यूनतम 1°C
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गुलमर्ग: -1.6°C
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पहलगाम: -1.2°C
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जम्मू शहर: 8.6°C
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कटरा: 9.8°C
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बटोटे: 7.7°C
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बनिहाल: 5°C
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भद्रवाह: 3.8°C
कश्मीर में कड़ाके की ठंड का दौर, जिसे ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है, 21 दिसंबर से शुरू हो चुका है और यह 30 जनवरी तक जारी रहेगा।
बर्फबारी का महत्व
‘चिल्लई कलां’ के दौरान होने वाली बर्फबारी घाटी के बारहमासी जलाशयों को भरती है, जो गर्मियों में नदियों, झरनों और झीलों को पानी प्रदान करते हैं। इस दौरान बर्फबारी न होना भविष्य में सूखे का संकेत हो सकता है।
पर्यटन और होटल बुकिंग
श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलागाम में नए साल की बर्फबारी का इंतजार हर साल बड़ी धूमधाम से किया जाता है। इस समय सभी प्रमुख होटल पूरा बुक हो चुके हैं। लोग छुट्टियों को यादगार बनाने के लिए बर्फबारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पहली बर्फबारी के दिन लोग दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं और दावतों का आनंद लेते हैं। यही वजह है कि चिल्लई कलां की पहली बर्फबारी घाटी में एक विशेष जश्न का मौका बन जाती है।