इजरायल की मोसाद या ईरान की MOIS किसमें कितना है दम, जानिए कौन कितना खतरनाक

Edited By Updated: 20 Jun, 2025 05:34 PM

how iran mois stands against israel mossad

इस समय इज़रायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। यह टकराव केवल हथियारों के दम पर नहीं लड़ा जा रहा, बल्कि इसके पीछे खुफिया एजेंसियों की भी बड़ी भूमिका है।

National Desk : इस समय इज़रायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। यह टकराव केवल हथियारों के दम पर नहीं लड़ा जा रहा, बल्कि इसके पीछे खुफिया एजेंसियों की भी बड़ी भूमिका है। खासकर इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के भीतर कई बड़े हमलों और गुप्त अभियानों के ज़रिए भारी तबाही मचाई है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या ईरान की खुफिया एजेंसी MOIS (मिनिस्ट्री ऑफ इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी) मोसाद का मुकाबला कर सकती है? आइए जानते हैं कि ये दोनों एजेंसियां कितनी ताकतवर हैं, एक-दूसरे के सामने कहां ठहरती हैं और दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी का ताज किसके सिर सजेगा।


मोसाद 


मोसाद का नाम सुनते ही एक ऐसी खुफिया एजेंसी की छवि सामने आती है, जो नामुमकिन माने जाने वाले मिशनों को भी आसानी से अंजाम देने की क्षमता रखती है। यह एजेंसी उन चुनिंदा ऑपरेशनों को भी सफल बना चुकी है, जिनके बारे में आम सोच से परे माना जाता है। उदाहरण के तौर पर, 1972 के म्यूनिख हत्याकांड के बाद 'ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड' और 2020 में ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादे की हत्या, मोसाद के उन गुप्त अभियानों में शामिल हैं जिनकी चर्चा आज भी दुनिया भर में होती है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया के लगभग हर देश में मोसाद के एजेंट सक्रिय रहते हैं। इस एजेंसी का मुख्य कार्य विदेशी धरती पर खुफिया सूचनाएं इकट्ठा करना, दुश्मनों को चुपचाप खत्म करना, आतंकवाद का खात्मा करना और साइबर अभियानों को अंजाम देना है। मोसाद को दुनिया की सबसे प्रभावशाली और ताकतवर खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है। इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी देश की सीमा या अनुमति की परवाह किए बिना वहां ऑपरेशन करने में सक्षम है, जो इसे और भी खतरनाक और प्रभावशाली बनाता है।

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MOIS ईरान की रहस्यमयी ताकत


अगर दुनिया की किसी खुफिया एजेंसी ने इजरायल की मोसाद को टक्कर दी है, तो वह है ईरान की खुफिया एजेंसी MOIS यानी मिनिस्ट्री ऑफ इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी। इसे स्थानीय रूप से वेजारत-ए-एत्तिलाएत के नाम से भी जाना जाता है। यह एजेंसी ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) से अलग एक स्वतंत्र खुफिया इकाई है, जो सीधे देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को रिपोर्ट करती है। MOIS को दुनिया में ‘चुपचाप मारने वाली एजेंसी’ के रूप में भी पहचाना जाता है। इसका मुख्य कार्य घरेलू असंतोष को दबाना, विदेशों में ईरानी विरोधियों पर नजर रखना, साइबर युद्ध में शामिल होना और राजनीतिक साजिशों की निगरानी करना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस एजेंसी ने सऊदी अरब, इज़रायल और यूरोपीय देशों में रह रहे ईरानी विरोधियों को टारगेट किया है। MOIS का नेटवर्क हिज़्बुल्लाह, हुसियों और अन्य शिया संगठनों से जुड़ा हुआ है, जो इसे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रॉक्सी पावर के रूप में बेहद खतरनाक बनाता है।

मोसाद या  MOIS कौन ज्यादा खतरनाक


मोसाद को दुनिया की सबसे प्रभावशाली और खतरनाक खुफिया एजेंसियों में शुमार किया जाता है, जिसकी ताकत का लोहा पूरी दुनिया मानती है। चाहे दुश्मनों को उनकी ही सरज़मीं पर जाकर खत्म करना हो या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले एजेंटों के ज़रिए गोपनीय जानकारियां हासिल करना, मोसाद ने हर बार अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, ईरान की खुफिया एजेंसी MOIS के बारे में भले ही दुनिया को ज्यादा जानकारी न हो, लेकिन इसका असर और ताकत किसी से कम नहीं आंकी जा सकती। खास तौर पर प्रॉक्सी नेटवर्क के क्षेत्र में MOIS को बेहद प्रभावशाली और मजबूत माना जाता है, जो इसे वैश्विक खुफिया दुनिया में एक ख़तरनाक खिलाड़ी बनाता है।

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