Edited By Rohini Oberoi,Updated: 02 Jul, 2025 09:08 AM

बचपन से हम सबने कोहिनूर हीरे की कहानियाँ सुनी हैं कि कैसे अंग्रेज उसे ब्रिटेन ले गए और अपने पास रख लिया लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में पहली बार हीरा कब और कहाँ मिला था? यह जानकर आपको शायद आश्चर्य होगा कि इस बेशकीमती रत्न का पहला स्रोत कोई...
नेशनल डेस्क। बचपन से हम सबने कोहिनूर हीरे की कहानियाँ सुनी हैं कि कैसे अंग्रेज उसे ब्रिटेन ले गए और अपने पास रख लिया लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में पहली बार हीरा कब और कहाँ मिला था? यह जानकर आपको शायद आश्चर्य होगा कि इस बेशकीमती रत्न का पहला स्रोत कोई और नहीं बल्कि हमारा अपना भारत ही था। आइए जानते हैं हीरे से जुड़े इस दिलचस्प इतिहास के बारे में।
हीरा: धरती का दुर्लभ रत्न
हीरा वास्तव में एक बेहद दुर्लभ खनिज है। यह धरती की बहुत गहराई में अत्यधिक उच्च तापमान और दबाव की स्थितियों में बनता है। इसे ज़मीन से निकालना ही मुश्किल नहीं बल्कि इसकी कटिंग और पॉलिशिंग का काम भी बेहद जटिल और सावधानी भरा होता है। कटाई और पॉलिशिंग के बाद इनमें से बहुत कम मात्रा में ही रत्न-गुणवत्ता वाले हीरे मिलते हैं। इसी वजह से बाज़ार में इनकी आपूर्ति सीमित रखी जाती है ताकि इनकी कीमत हमेशा ऊँची बनी रहे।

भारत था दुनिया का इकलौता हीरा स्रोत
अगर बात करें कि किस देश में हीरे की सबसे पहले खुदाई हुई थी तो वह देश है भारत। रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1896 तक भारत पूरी दुनिया में हीरे का एकमात्र स्रोत था जहाँ से हीरा दुनियाभर के देशों में जाता था। इन्हीं रिपोर्ट्स में इस बात का ज़िक्र है कि भारत में 1000 ईसा पूर्व (BC) से भी पहले हीरे की खोज हो चुकी थी। यह दर्शाता है कि भारत प्राचीन काल से ही रत्नों और खनिजों के क्षेत्र में कितना समृद्ध रहा है।

सिकंदर लाया था पहला हीरा यूरोप, गोलकोंडा के खदान थे मशहूर
इतिहासकार बताते हैं कि विश्व विजय पर निकला सिकंदर (अलेक्जेंडर द ग्रेट) 327 ईसा पूर्व में भारत से ही हीरा यूरोप लेकर गया था। यह एक महत्वपूर्ण कड़ी है जो भारत और यूरोप के बीच हीरे के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध को दर्शाती है।

अगर भारत के सबसे प्रसिद्ध हीरा खदानों की बात करें तो गोलकोंडा के हीरों के खदान पूरी दुनिया में मशहूर हैं। इन खदानों से कई ऐतिहासिक और प्रसिद्ध हीरे निकले हैं जिनमें कोहिनूर भी शामिल है। गोलकोंडा के हीरे अपनी चमक, शुद्धता और आकार के लिए जाने जाते थे और सदियों तक ये विश्व के शाही घरानों और अमीरों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे।
इस प्रकार यह गर्व की बात है कि दुनिया को हीरे का पहला दर्शन और उसकी पहचान भारत ने ही कराई।