भारत ने रच दिया इतिहास, अमेरिका-चीन, जर्मनी सबको छोड़ा पीछे

Edited By Parveen Kumar,Updated: 12 Jun, 2025 08:24 PM

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क्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक भारत के शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। इस 5 महीने की गिरावट में बाजार से करीब 90 लाख करोड़ रुपये (लगभग 15%) मिट गए थे। निवेशकों को भारी नुकसान हुआ था।

नेशनल डेस्क: अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक भारत के शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। इस 5 महीने की गिरावट में बाजार से करीब 90 लाख करोड़ रुपये (लगभग 15%) मिट गए थे। निवेशकों को भारी नुकसान हुआ था। लेकिन मार्च 2025 से मई 2025 के बीच बाजार ने जबरदस्त वापसी की। यह उछाल सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दुनियाभर के निवेशकों ने इसकी गूंज महसूस की। खास बात तो ये है कि दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजारों के मुकाबले में भारत के शेयर बाजार की वैल्यूएशन में सबसे ज्यादा 21 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वैल्यूएशन के हिसाब से देखें तो मौजूदा समय में भारत दुनिया का सबसे 5वां सबसे बड़ा शेयर बाजार है।

1 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा

  • मार्च 2025 की शुरुआत से अब तक भारत के शेयर बाजार की वैल्यूएशन 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गई है।
  • पहले भारत का मार्केट कैप 4.3 ट्रिलियन डॉलर था,
  • अब यह बढ़कर 5.3 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
  • 21% की यह बढ़त दुनिया के किसी भी बड़े शेयर बाजार से ज्यादा है।
  • भारत अब दुनिया का 5वां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है।

सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी

  • 4 मार्च से 11 जून 2025 तक:
  • सेंसेक्स में 13% (9,525 अंक) की बढ़त
  • निफ्टी में 14% (3,058 अंक) की उछाल
  • BSE मिडकैप में 20.7% और
  • BSE स्मॉलकैप में 26% की तेजी आई है।

गिरावट का दौर भी रहा मुश्किल

  • 27 सितंबर 2024 को सेंसेक्स 85,978 के रिकॉर्ड स्तर पर था,
  • लेकिन 4 मार्च 2025 तक यह गिरकर 72,989 पर आ गया था।
  • यानी करीब 15% (12,988 अंक) की गिरावट आई थी।
  • निफ्टी भी इसी दौरान 16% (4,194 अंक) टूटा था।

दुनिया के बाकी शेयर बाजारों का हाल

भारत के बाद सबसे ज्यादा बढ़त इन देशों ने हासिल की:

  • जर्मनी: 14%
  • कनाडा: 11%
  • हांगकांग: 9%
  • जापान व यूके: 8%
  • चीन: 2.7%
  • अमेरिका (दुनिया का सबसे बड़ा बाजार): सिर्फ 2.4%

कमाई के अनुमान घटे

जानकारों के मुताबिक, आने वाले समय में कंपनियों की कमाई यानी EPS (Earnings Per Share) के अनुमान थोड़े कमजोर हो सकते हैं। FY25 में मामूली बढ़त है, लेकिन FY26 और FY27 के लिए EPS अनुमान घटाए गए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि ये कटौती कंपनियों के कमजोर नतीजों की वजह से है।

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