Edited By Tanuja,Updated: 05 Nov, 2025 02:30 PM

गाजा युद्ध के बीच जब यूरोप ने इजरायल से दूरी बना ली, तब भारत ने उसके साथ 3.75 अरब डॉलर की रक्षा डील कर ऐतिहासिक कदम उठाया। दोनों देशों ने एयर डिफेंस सिस्टम और तकनीकी सहयोग पर एमओयू साइन किया। यह डील भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और ‘मेक इन इंडिया’ को...
International Desk: जब गाजा युद्ध को लेकर यूरोप और कई लोकतांत्रिक देशों ने इजरायल से दूरी बना ली, तब भारत ने न केवल अपने पुराने दोस्त के साथ खड़ा रहने का फैसला किया, बल्कि उसके साथ एक ऐतिहासिक रक्षा समझौता भी कर डाला। यह डील दोनों देशों की सैन्य साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाएगी और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी मजबूत करेगी। भारत और इजरायल के बीच यह समझौता मंगलवार को इजरायली रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (रिटा.) अमीर बराम और भारतीय रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप (JWG) की वार्षिक बैठक के दौरान हुआ। बैठक में रक्षा, औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
Strengthening Defense Cooperation: Israel MOD Director General and Indian Defense Secretary Sign Strategic Memorandum of Understanding 🇮🇳🇮🇱@SpokespersonMoD
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— Ministry of Defense (@Israel_MOD) November 4, 2025
सूत्रों के अनुसार, भारत अपनी थल सेना के लिए इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा विकसित मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (MR-SAM) लगभग 3.75 अरब डॉलर में खरीदेगा। इसके अलावा, IAI भारतीय वायु सेना के लिए 900 मिलियन डॉलर की लागत से छह कॉमर्शियल विमानों को एरियल रिफ्यूलिंग टैंकर में परिवर्तित करेगा। मेजर जनरल अमीर बराम ने बैठक के बाद कहा- “भारत के साथ यह रणनीतिक संवाद बेहद अहम समय पर हो रहा है। हमारा रक्षा सहयोग आपसी भरोसे और साझा सुरक्षा हितों पर आधारित है। हम भारत को प्रथम श्रेणी का रणनीतिक साझेदार मानते हैं और इस सहयोग को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में जब पश्चिमी देश इजरायल पर दबाव बना रहे हैं, भारत का यह कदम न केवल तेल अवीव के साथ मित्रता निभाने का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नई दिल्ली अपनी रणनीतिक स्वायत्तता की नीति पर कायम है।
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अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर ने सोशल मीडिया पर इस समझौते की सराहना करते हुए लिखा कि “दो लोकतांत्रिक देशों का यह गठबंधन आने वाले समय में वैश्विक शक्ति संतुलन को बदल सकता है।” पिछले तीन दशकों में भारत और इजरायल के बीच रक्षा संबंध लगातार मजबूत हुए हैं- कारगिल युद्ध में इजरायल की मदद से लेकर अब तक यह साझेदारी भरोसे और प्रौद्योगिकी पर आधारित है। इस नई डील से भारत न केवल अपनी रक्षा क्षमता को सुदृढ़ करेगा, बल्कि पश्चिम एशिया में एक नए भू-राजनीतिक संतुलन की दिशा भी तय करेगा।