Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 12 Jul, 2025 10:27 AM

एक समय हरियाली और शांति के लिए मशहूर मेघालय और असम की सीमा पर बसा बर्नीहाट शहर आज गंभीर वायु प्रदूषण का केंद्र बन चुका है। हाल ही में सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि बर्नीहाट ने दिल्ली को पीछे...
नेशनल डेस्क: एक समय हरियाली और शांति के लिए मशहूर मेघालय और असम की सीमा पर बसा बर्नीहाट शहर आज गंभीर वायु प्रदूषण का केंद्र बन चुका है। हाल ही में सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि बर्नीहाट ने दिल्ली को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून 2025 के बीच यहां की हवा में पीएम2.5 की औसत मात्रा 133 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई, जबकि दिल्ली में यह 87 माइक्रोग्राम थी।
औद्योगिकीकरण बना बर्नीहाट की जहरीली हवा का कारण
बर्नीहाट में हाल के वर्षों में तेजी से औद्योगीकरण हुआ है। यहां कई प्रकार के कारखाने जैसे लोहा और इस्पात संयंत्र, डिस्टिलरी, सीमेंट फैक्ट्री और पेय पदार्थ निर्माण इकाइयाँ कार्यरत हैं। इन सभी उद्योगों से निकलने वाला जहरीला धुआं हवा में पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10) की मात्रा को खतरनाक स्तर तक पहुँचा रहा है। इन फैक्ट्रियों में उत्सर्जन मानकों का पालन न होना और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही बर्नीहाट को धीरे-धीरे भारत का सबसे प्रदूषित शहर बना रही है।

भारी ट्रैफिक और ट्रक परिवहन भी एक बड़ा कारण
बर्नीहाट, असम और मेघालय के बीच स्थित एक प्रमुख ट्रांसपोर्ट हब है। यहां से गुजरने वाले भारी मालवाहक ट्रकों की बड़ी संख्या भी प्रदूषण को बढ़ाने में भूमिका निभा रही है। लगातार ट्रैफिक, डीजल से चलने वाले वाहन और उनके धुएं ने इस क्षेत्र की हवा में जहर घोल दिया है।
स्थानीय लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
बढ़ते प्रदूषण से परेशान होकर जनवरी 2025 में स्थानीय लोगों ने बर्नीहाट की सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि जहरीली हवा ने बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर बुरा असर डाला है। लोगों को सांस की बीमारियां, एलर्जी और फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं।

सरकार ने की जांच और कार्रवाई के निर्देश
स्थानीय विरोध और CREA की रिपोर्ट के बाद सरकार हरकत में आई। अधिकारियों ने बिना पूर्व सूचना के निरीक्षण किया और पाया कि कई फैक्ट्रियाँ नियमों का पालन नहीं कर रही थीं। इसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिए गए कि वे लापरवाह उद्योगों पर सख्त कार्रवाई करें।
दिल्ली में सुधार के कारण
दिल्ली, जो लंबे समय से देश की प्रदूषण राजधानी कहलाती थी, अब इस सूची में दूसरे स्थान पर है। CREA की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार द्वारा पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदमों के कारण यहाँ की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दिल्ली को अब भी केवल वाहनों तक सीमित न रहकर प्रदूषण के अन्य स्रोतों पर भी ध्यान देना होगा।

अन्य प्रदूषित शहर कौन-कौन से हैं?
बर्नीहाट और दिल्ली के अलावा, कई अन्य शहर भी वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
इन शहरों में भी बढ़ता औद्योगिक विकास, वाहनों की अधिकता और निर्माण कार्यों ने वायु गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित किया है।
कौन बना भारत का सबसे स्वच्छ शहर?
जहां एक ओर बर्नीहाट प्रदूषण की दौड़ में सबसे आगे निकला, वहीं मिजोरम भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा है। यह साबित करता है कि यदि सख्त नीतियाँ, जागरूक नागरिक और जिम्मेदार प्रशासन साथ काम करें तो स्वस्थ पर्यावरण संभव है।