Radiation Leak: किराना हिल्स में रेडिएशन लीक? IAEA का बड़ा बयान, सामने आई सच्चाई

Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 May, 2025 09:53 AM

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भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में रेडिएशन लीक की अफवाहों ने सोशल मीडिया पर खूब जोर पकड़ा, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति स्पष्ट हो गई है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इन खबरों को पूरी तरह ग़लत और निराधार करार दिया है।

नेशनल डेस्क: भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान में रेडिएशन लीक की अफवाहों ने सोशल मीडिया पर खूब जोर पकड़ा, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति स्पष्ट हो गई है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इन खबरों को पूरी तरह ग़लत और निराधार करार दिया है।

 क्या था मामला?
बता दें कि 9-10 मई की रात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों और सैन्य अड्डों पर एयरस्ट्राइक की थी। बताया गया कि हमले सरगोधा और नूर खान एयरबेस के पास हुए, जो किराना हिल्स के नजदीक हैं — एक ऐसा इलाका जिसे पाकिस्तान के परमाणु हथियार भंडारण स्थल के रूप में जाना जाता है। हमलों के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहें उड़ने लगीं कि हमले में परमाणु सुविधाएं भी प्रभावित हुईं और रेडिएशन लीक हुआ है। कुछ पोस्ट में अमेरिका के B350 AMS विमान की मौजूदगी और मिस्र से बोरोन (रेडिएशन नियंत्रित करने वाला पदार्थ) भेजे जाने के दावे किए गए।

नकली निकला रेडिएशन बुलेटिन

इन अफवाहों को तब और बल मिला जब एक फर्जी 'रेडियोलॉजिकल सेफ्टी बुलेटिन' वायरल हुआ। इस बुलेटिन में दावा किया गया कि पाकिस्तान सरकार ने रेडिएशन लीक की पुष्टि की है। लेकिन न्यूजचेकर और ऑल्ट न्यूज जैसी फैक्ट-चेकिंग संस्थाओं ने स्पष्ट किया कि यह दस्तावेज फर्जी है और इसका कोई आधिकारिक स्रोत नहीं है।

 IAEA और भारत का स्पष्टीकरण

IAEA के प्रवक्ता फ्रेड्रिक डाहल ने TOI से बातचीत में कहा: “हम इन खबरों से अवगत हैं, लेकिन हमारे पास जो जानकारियां हैं, उनके आधार पर पाकिस्तान में किसी भी परमाणु संयंत्र से रेडिएशन लीक या रिसाव की कोई पुष्टि नहीं होती।” भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने भी स्पष्ट किया कि भारत के हमले सिर्फ आतंकवादी ठिकानों और सैन्य स्थलों तक सीमित थे, किराना हिल्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।

रेडिएशन लीक होता तो क्या होता?

रेडिएशन लीक स्वास्थ्य, पर्यावरण और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा असर डाल सकता है:

  • मानव स्वास्थ्य पर असर: त्वचा में जलन, उल्टी, बाल झड़ना, कैंसर जैसी बीमारियां।

  • पर्यावरणीय नुकसान: मिट्टी, पानी, हवा में रेडियोधर्मी तत्वों से पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित।

  • आर्थिक व सामाजिक उथल-पुथल: बड़े पैमाने पर विस्थापन और आर्थिक संकट।

  • सीमा पार असर: रेडियोधर्मी कण हवा और पानी से पड़ोसी देशों तक पहुंच सकते हैं।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि परमाणु स्थलों की सुरक्षा बहुत मजबूत होती है और ऐसे हमलों के बाद रेडिएशन लीक होने की संभावना अत्यंत कम होती है।

पाकिस्तान और अमेरिका की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी अधिकारियों ने भी रेडिएशन लीक की खबरों को खारिज कर दिया है। सरगोधा या किराना हिल्स में किसी भी बड़ी मेडिकल इमरजेंसी की पुष्टि नहीं हुई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने भी कहा, "इस विषय पर हमारे पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।"  ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद किराना हिल्स में रेडिएशन लीक की खबरें पूरी तरह झूठी साबित हुई हैं। IAEA और भारत दोनों ने इस पर स्पष्ट स्पष्टीकरण दिया है। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से सतर्क रहना आज के समय की जरूरत है, क्योंकि गलत जानकारी सिर्फ भ्रम ही नहीं, बल्कि तनाव और भय का माहौल भी पैदा कर सकती है।

 

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