Edited By Pardeep,Updated: 05 May, 2025 10:28 PM

भारत ने सोमवार को अपनी रक्षा क्षमताओं में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए स्वदेशी मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) का सफल परीक्षण किया।
नेशनल डेस्कः भारत ने सोमवार को अपनी रक्षा क्षमताओं में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए स्वदेशी मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (MIGM) का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने मिलकर किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर बधाई दी और इसे भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमताओं को और सशक्त बनाने वाला कदम बताया।
MIGM की विशेषताएं
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संरचना और आकार: MIGM का अधिकतम वजन 1000 किलोग्राम है और अधिकतम लंबाई 3 मीटर तथा व्यास 0.533 मीटर है।
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सेंसर प्रणाली: इसमें कई प्रकार के सेंसर लगे हैं, जो समुद्री जहाजों द्वारा उत्पन्न होने वाली ध्वनिक, चुंबकीय, दबाव, UEP/ELFE (Underwater Electric Potential/Low Frequency Electric) सिग्नेचर को रिकॉर्ड करने में सक्षम हैं।
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इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम: इसमें ARM प्रोसेसर आधारित डेटा अधिग्रहण इलेक्ट्रॉनिक्स प्रणाली है, जो डेटा प्रोसेसिंग करके आवश्यक कार्रवाई के लिए कमांड उत्पन्न करती है।
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पावर स्रोत: इसमें लिथियम-थायोनाइल क्लोराइड प्राथमिक बैटरी का उपयोग किया गया है।
विकास और उत्पादन
MIGM का विकास नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL), विशाखापत्तनम द्वारा DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं, जैसे हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी, पुणे और टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी, चंडीगढ़ के सहयोग से किया गया है। इसके उत्पादन साझेदारों में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, विशाखापत्तनम और अपोलो माइक्रोसिस्टम्स लिमिटेड, हैदराबाद शामिल हैं।
रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण की सफलता पर DRDO और भारतीय नौसेना को बधाई दी। उन्होंने कहा कि MIGM प्रणाली भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमताओं को और बेहतर करेगी, विशेषकर आधुनिक स्टील्थ युद्धपोतों और पनडुब्बियों के खिलाफ।
यह परीक्षण भारत की आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है और यह भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को और सशक्त बनाएगा।