प्लेन गिरने के बाद आग का गोला बनने में लगता है सिर्फ इतना वक्त, जानकर उड़ जाएंगे होश

Edited By Updated: 13 Jun, 2025 11:15 AM

it takes only this much time for a plane to become a fireball after it falls

अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान हाल ही में एक भयानक हादसे का शिकार हो गया. इस विमान में क्रू मेंबर्स सहित कुल 242 लोग सवार थे. हादसे की जो भयावह तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं उनमें विमान को टेकऑफ के तुरंत बाद नीचे गिरते और फिर आग के...

नेशनल डेस्क। अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान हाल ही में एक भयानक हादसे का शिकार हो गया. इस विमान में क्रू मेंबर्स सहित कुल 242 लोग सवार थे. हादसे की जो भयावह तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं उनमें विमान को टेकऑफ के तुरंत बाद नीचे गिरते और फिर आग के गोले में बदलते देखा जा सकता है. इस दुर्घटना में विमान में सवार सभी यात्रियों की मौत की आशंका जताई जा रही है.

यह हादसा कई गंभीर सवाल खड़े करता है जिनमें सबसे अहम है: किसी भी विमान के गिरने के कितनी देर बाद उसमें आग लग जाती है और यात्रियों को बचने के लिए कितना समय मिलता है? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब.


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विमान हादसों में क्यों होती है मृत्यु दर अधिक?

भले ही सड़क और रेल हादसों की तुलना में विमान हादसों की दर काफी कम हो लेकिन विमान हादसों में मृत्यु दर सबसे अधिक होती है. इसकी मुख्य वजह यह है कि विमान हादसे के समय यात्रियों को बचने का बहुत ही कम समय मिलता है.

 

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विमान निर्माता और सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आग लगने के बाद विमान में मौजूद यात्रियों को बचने के लिए 90 सेकंड से भी कम समय मिलता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विमान में इतना अधिक ईंधन होता है कि वह कभी भी ब्लास्ट कर सकता है जिससे आग तेज़ी से फैल जाती है.


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दुर्घटना की गति और आग लगने का समय

यात्रियों के बचने की संभावना इस बात पर भी निर्भर करती है कि विमान किस गति पर क्रैश हुआ है.

  • अगर विमान की रफ्तार ज़्यादा होगी तो बचने की संभावना कम होती है.
  • यदि विमान में हवा में ही आग लग जाती है तो भी यात्रियों के बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है.

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विशेषज्ञों के अनुसार विमान के गिरने के बाद उसमें आग आमतौर पर 4 सेकंड के भीतर ही लग जाती है. ऐसे में यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिए बेहद कम समय मिलता है.


इमरजेंसी एग्जिट और बचने की संभावना

यदि कोई यात्री विमान के इमरजेंसी एग्जिट गेट पर बैठा है तो भी उसकी बचने की संभावना इस बात पर निर्भर करेगी कि एग्जिट गेट और स्लाइडर ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं. इन बेहद कम सेकंड में सही निर्णय लेना और आपातकालीन प्रक्रियाओं का पालन करना जीवन-रक्षक हो सकता है.

यह दुर्घटना हमें हवाई यात्रा की सुरक्षा में निहित जोखिमों और ऐसे समय में तत्काल प्रतिक्रिया के महत्व की याद दिलाती है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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