साइबर ठगी के लिए मदरसा समिति के बैंक खातों का इस्तेमाल, 1.50 करोड़ रुपए के लेनदेन के सुराग मिले

Edited By Updated: 07 Dec, 2024 08:56 PM

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मध्यप्रदेश पुलिस ने लोगों को फर्जी तौर पर "डिजिटल अरेस्ट" करके उन्हें चूना लगाने वाले एक गिरोह को उत्तर प्रदेश की एक मदरसा समिति के बैंक खाते मुहैया कराने के आरोप में 69 वर्षीय एक व्यक्ति और उसके बेटे को शनिवार को गिरफ्तार किया।

नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश पुलिस ने लोगों को फर्जी तौर पर "डिजिटल अरेस्ट" करके उन्हें चूना लगाने वाले एक गिरोह को उत्तर प्रदेश की एक मदरसा समिति के बैंक खाते मुहैया कराने के आरोप में 69 वर्षीय एक व्यक्ति और उसके बेटे को शनिवार को गिरफ्तार किया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अपराध निरोधक शाखा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश त्रिपाठी ने संवाददाताओं को बताया कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अली अहमद खान (69) और उसके बेटे असद अहमद खान (36) के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि अली अहमद खान, फलाह दारेन मदरसे की समिति का प्रबंधक है, जबकि असद अहमद खान समिति का सह प्रबंधक है। त्रिपाठी ने बताया कि आरोपियों ने एक साइबर ठग गिरोह को मदरसा समिति के बैंक खाते 50 प्रतिशत कमीशन के आधार पर उपलब्ध कराए थे। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि अब तक मदरसा समिति के नौ बैंक खातों के जरिये करीब 1.50 करोड़ रुपये के लेन-देन के सुराग मिले हैं और इन खातों से लेन-देन पर रोक लगवाई जा रही है।

डीसीपी ने बताया कि आरोपियों से विस्तृत पूछताछ की जा रही है। "डिजिटल अरेस्ट" साइबर ठगी का एक नया तरीका है। हालांकि, "डिजिटल अरेस्ट" जैसी किसी प्रक्रिया का हकीकत में कोई कानूनी वजूद नहीं होता। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।  

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