भारत में फिर दस्तक देगा मानसून, 25 सितंबर के आसपास होगी वापसी; मौसम विभाग ने दिया अपडेट

Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Sep, 2023 06:30 PM

monsoon will knock again in india will return around september 25

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की 25 सितंबर के आसपास उत्तर पश्चिम भारत से वापसी शुरू होने की संभावना है। आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और इसका प्रसार 8 जुलाई तक पूरे देश...

 

नेशनल डेस्क: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की 25 सितंबर के आसपास उत्तर पश्चिम भारत से वापसी शुरू होने की संभावना है। आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और इसका प्रसार 8 जुलाई तक पूरे देश में हो जाता है। इसकी वापसी 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है जो 15 अक्टूबर तक पूरी हो जाती है। आईएमडी ने कहा, ‘‘अगले पांच दिनों तक उत्तर-पश्चिम और आसपास के पश्चिम-मध्य भारत में कम बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है। 25 सितंबर के आसपास पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं।''
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उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी भारतीय उपमहाद्वीप से इसकी वापसी की शुरुआत का प्रतीक है। मॉनसून की वापसी में किसी भी देरी का मतलब है लंबा बारिश का मौसम, जो कृषि उत्पादन पर प्रभाव डाल सकता है, खासकर उत्तर पश्चिम भारत में जहां मॉनसून की बारिश रबी फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में इस मॉनसून मौसम के दौरान अब तक 780.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य बारिश 832.4 मिलीमीटर होती है। दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 94 प्रतिशत से 106 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य माना जाता है।
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आम तौर पर, चार महीने के मॉनसून के मौसम (जून से सितंबर) के दौरान देश में औसतन 870 मिलीमीटर वर्षा होती है। मॉनसून से पहले आयोजित प्रेसवार्ता में आईएमडी ने भारत के लिए सामान्य मॉनसून की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, इसने आगाह किया था कि ‘अलनीनो' दक्षिण पश्चिम मॉनसून के उत्तरार्ध को प्रभावित कर सकता है। ‘अलनीनो' दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना होता है। ‘अल नीनो' की स्थिति भारत में कमजोर मॉनसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ी है।
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भारत में जून में कम वर्षा हुई, लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में लगातार पश्चिमी विक्षोभ और मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (एमजेओ) के अनुकूल चरण के कारण जुलाई में अत्यधिक वर्षा हुई। एमजेओ एक बड़े पैमाने पर वायुमंडलीय विक्षोभ होता है जो उष्णकटिबंधीय अफ्रीका में उत्पन्न होता है और पूर्व की ओर बढ़ता है, जिसकी अवधि आमतौर पर 30 से 60 दिनों तक होती है। अगस्त 2023 को 1901 के बाद से सबसे शुष्क महीना और भारत में अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया। हालांकि, कई निम्न दबाव प्रणालियों और एमजेओ के सकारात्मक चरण के कारण सितंबर में अधिक बारिश हुई। 

 

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