Edited By Anil dev,Updated: 30 Jul, 2018 05:29 PM

नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें हमारे जनप्रतिनिधियों के दामन कितने दागदार हैं, इसकी कलई खुलती हुई दिखाई दे रही है। रिपोर्ट के अनुसार देश के मौजूदा 4856 विधायकों और सांसदों में...
नई दिल्ली: नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें हमारे जनप्रतिनिधियों के दामन कितने दागदार हैं, इसकी कलई खुलती हुई दिखाई दे रही है। रिपोर्ट के अनुसार देश के मौजूदा 4856 विधायकों और सांसदों में 21 फीसदी यानी 1024 पर गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं।

इन 1024 में से 6 फीसदी यानी 64 जन प्रतिनिधियों के खिलाफ अपहरण के मामले दर्ज हैं। इनमें 56 विधायक और 8 सांसद शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन सांसदों-विधायकों में सबसे ज्यादा संख्या भारतीय जनता पार्टी के जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की है। प्रतिनिधियों द्वारा इलेक्शन कमीशन को दी गई जानकारी के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार और उत्तर प्रदेश के विधायकों पर सबसे ज्यादा अपहरण के मुकदमें चल रहे हैं। इन दोनों राज्यों के 9-9 विधायकों के ऊपर अपहरण करने का मामला दर्ज किया गया है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जिसके 8 विधायकों के खिलाफ अपहरण के केस चल रहे हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब और तेलंगाना का नंबर है। एडीआर और एनईडब्ल्यू की रिपोर्ट में लोकसभा के 5 और राज्यसभा के 3 सांसदों ने अपने खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले घोषित किए हैं।
