PAK पर मंडरा रहा संकट! सिंधु जल समझौते को ठंडे बस्ते में डालने से पाकिस्तान में मचा हड़कंप

Edited By Parveen Kumar,Updated: 14 May, 2025 09:41 PM

pakistan is in a state of panic due to the shelving of indus water treaty

भारत सरकार ने हाल ही में सिंधु जल समझौते को ठंडे बस्ते में डालने का ऐलान किया है, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने भारत से पुनर्विचार की अपील की है। पाकिस्तान ने चेतावनी दी है कि इस कदम से पाकिस्तान...

नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने हाल ही में सिंधु जल समझौते को ठंडे बस्ते में डालने का ऐलान किया है, जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने भारत से पुनर्विचार की अपील की है। पाकिस्तान ने चेतावनी दी है कि इस कदम से पाकिस्तान में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो सकता है। भारत की तरफ से इस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है, और पाकिस्तान के लिए यह स्थिति मुश्किलों से भरी हुई हो सकती है।

संकट की चेतावनी

सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार में हलचल मच गई है। पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैय्यद अली मुर्तुजा ने भारतीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव देवश्री मुखर्जी को एक पत्र भेजकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। इसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर वार्ता के लिए तैयार है। पत्र को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय में भेजने का कार्य भी किया गया है, जिससे पाकिस्तान सरकार ने भारत से इस मसले पर बातचीत की उम्मीद जताई है।

खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते: PM

भारत सरकार की प्रतिक्रिया पाकिस्तान की गुहार के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 मई को अपने राष्ट्र संबोधन में कहा कि "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।" उनका यह बयान पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब अपने हक का पानी इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ ही, भारत ने तीन प्रमुख नदियों के पानी पर अपनी योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, जो अब पाकिस्तान के लिए एक नई चुनौती हो सकती है।

पाकिस्तान की जीवन रेखा

सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था और इसे पाकिस्तान की जीवन रेखा माना जाता है। पाकिस्तान की लगभग 21 करोड़ से ज्यादा की आबादी सिंधु नदी और उसकी चार सहायक नदियों पर निर्भर है। इसके अलावा, पाकिस्तान की लगभग 90% कृषि सिंचाई सिंधु नदी के पानी से होती है। सिंधु जल समझौता पाकिस्तान के लिए न केवल जल आपूर्ति बल्कि उसके अस्तित्व के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

चिनाब और झेलम नदियों पर नियंत्रण

पहलगाम हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया और पानी की आपूर्ति को नियंत्रित करने का फैसला लिया। भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान को जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया और झेलम नदी पर किशनगंगा परियोजना से पानी के बहाव को भी कम कर दिया। यह कदम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि इन नदियों से पाकिस्तान की कृषि और पीने के पानी की आपूर्ति होती है।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता जल विवाद

भारत और पाकिस्तान के बीच यह जल विवाद अब एक नई दिशा में बढ़ सकता है। सिंधु जल समझौते को लेकर तनाव लंबे समय से था, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस पर निर्णायक कदम उठाया है। यह निर्णय दोनों देशों के बीच जल और सीमा विवादों के समाधान के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।

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