Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Mar, 2023 03:51 PM
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि नवजात का मतलब पूर्ण अवधि के बाद जन्मे शिशु (फुल-टर्म बेबी) और समय पूर्व जन्मे शिशु (प्री-टर्म बेबी) दोनों से है।
नेशनल डेस्क: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि नवजात का मतलब पूर्ण अवधि के बाद जन्मे शिशु (फुल-टर्म बेबी) और समय पूर्व जन्मे शिशु (प्री-टर्म बेबी) दोनों से है। इसी के साथ अदालत ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि वह मुंबई की एक महिला को समय पूर्व जन्मे अपने जुड़वा बच्चों के इलाज पर खर्च किए गए 11 लाख रुपए का भुगतान करे। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को यह भी निर्देश दिया कि वह महिला के बीमा दावे का भुगतान करने से बचने के वास्ते अपनी बीमा पॉलिसी के प्रावधानों की गलत व्याख्या करने का प्रयास करने के लिए उसे पांच लाख रुपए की अतिरिक्त राशि का भुगतान करे।
खंडपीठ ने कहा कि बीमा कंपनी का रुख ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और बीमा पॉलिसी की मौलिक सद्भावना व नैतिकता के विपरीत' था। उसने कहा, “ये दलीलें सरासर बेबुनियाद और भ्रामक हैं। इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
पेशे से वकील महिला ने साल 2021 में उस समय बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था, जब बीमा कंपनी ने उसके दावों को अस्वीकार कर दिया था। तब बीमा कंपनी ने कहा था कि पॉलिसी के दायरे में केवल वही नवजात शिशु आते हैं, जो पूर्ण अवधि में पैदा हुए हैं, न कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी व्यवस्था में कहा कि नवजात का मतलब पूर्ण अवधि के बाद जन्मे शिशु (फुल-टर्म बेबी) और समय पूर्व जन्मे शिशु (प्री-टर्म बेबी) दोनों से है।