Edited By Mansa Devi,Updated: 23 Dec, 2025 05:57 PM

ठंड और बढ़ते प्रदूषण का संयोजन इस बार लोगों की सेहत के लिए डबल अटैक साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में मौजूद छोटे-छोटे प्रदूषित कण, जैसे पीएम2.5, सीधे फेफड़ों में जाते हैं और डायबिटीज मरीजों के लिए जोखिम बढ़ा सकते हैं।
नेशनल डेस्क: ठंड और बढ़ते प्रदूषण का संयोजन इस बार लोगों की सेहत के लिए डबल अटैक साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में मौजूद छोटे-छोटे प्रदूषित कण, जैसे पीएम2.5, सीधे फेफड़ों में जाते हैं और डायबिटीज मरीजों के लिए जोखिम बढ़ा सकते हैं। दिल्ली में एमसीडी के डॉ. अजय कुमार के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों में प्रदूषण का अधिक एक्सपोजर इंसुलिन के कामकाज को प्रभावित कर सकता है। प्रदूषण शरीर में इंफ्लामेशन पैदा करता है और हार्मोन बैलेंस बिगाड़ सकता है, खासकर कोर्टिसोल को बढ़ा सकता है। इसका असर शुगर लेवल पर भी पड़ता है, जिससे शुगर अचानक हाई होने का खतरा रहता है।
सबसे ज्यादा खतरे में कौन?
- जिनकी शुगर लंबे समय से कंट्रोल में नहीं रहती
- 60 साल से अधिक उम्र के डायबिटीज मरीज
- जो लोग इंसुलिन लेते हैं
- जिनको हार्ट या किडनी की भी समस्या है
एक्सपर्ट्स की सलाह: प्रदूषण से कैसे बचें
- सुबह की वॉक या लंबी एक्सरसाइज बाहर न करें
- बाहर निकलते समय मास्क पहनें
- दवाएं समय पर लें
- रोज शुगर लेवल चेक करें
शुगर लेवल बढ़ने पर क्या करें
शुगर लेवल बढ़ने पर खुद से डोज बढ़ाने की गलती न करें। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही दवाएं लें। खानपान का ध्यान रखें और अधिक मीठा या फास्ट फूड न खाएं। घर के अंदर हल्की वॉक या एक्सरसाइज जारी रख सकते हैं। ध्यान रखें कि कोई भी दवा मिस न हो। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर में सावधानी और नियमित चेकअप ही डायबिटीज मरीजों की सेहत बचाने का सबसे असरकारक तरीका है।