Edited By Shubham Anand,Updated: 24 Dec, 2025 07:39 PM

भारतीय रिजर्व बैंक ने चेक क्लियरेंस से जुड़े नए नियम को फिलहाल टाल दिया है, जिसके तहत बैंकों को तीन घंटे में चेक पास या रिजेक्ट करना था। यह व्यवस्था 3 जनवरी 2026 से लागू होनी थी। RBI ने तकनीकी और परिचालन तैयारियों को देखते हुए CCS फ्रेमवर्क के...
नेशनल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक के जरिए भुगतान करने वाले ग्राहकों को लेकर एक अहम फैसला लिया है। RBI ने उस नए सिस्टम को फिलहाल टाल दिया है, जिसके तहत बैंकों को चेक मिलने के केवल तीन घंटे के भीतर उसे पास या रिजेक्ट करना अनिवार्य होता। यह व्यवस्था 3 जनवरी 2026 से लागू होने वाली थी, लेकिन अब इसे अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है।
क्या था RBI का नया प्लान?
RBI देश में चेक क्लियरेंस की प्रक्रिया को और अधिक तेज, पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसी उद्देश्य से उसने कंटीन्यूअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट (CCS) फ्रेमवर्क की घोषणा की थी। इस फ्रेमवर्क का दूसरा चरण यानी फेज़ 2 सबसे अहम माना जा रहा था, क्योंकि इसके लागू होने से चेक क्लियरेंस का समय काफी कम हो जाता। फेज़ 2 के तहत जैसे ही किसी बैंक को चेक की डिजिटल इमेज प्राप्त होती, उसके पास केवल तीन घंटे का समय होता कि वह चेक को स्वीकार करे या अस्वीकार करे। यदि तय समय सीमा के भीतर बैंक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती, तो चेक को अपने आप क्लियर मान लिया जाता।
RBI ने अचानक ब्रेक क्यों लगाया?
24 दिसंबर को जारी अपने सर्कुलर में RBI ने जानकारी दी कि CCS फ्रेमवर्क के फेज़ 2 को फिलहाल स्थगित किया जा रहा है। हालांकि, RBI ने इसके पीछे कोई ठोस वजह सार्वजनिक रूप से नहीं बताई है, लेकिन माना जा रहा है कि बैंकों की तकनीकी तैयारी, सिस्टम अपग्रेड और ऑपरेशनल चुनौतियों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि नई तारीख घोषित होने तक मौजूदा व्यवस्था यानी फेज़ 1 पहले की तरह लागू रहेगी।
अभी चेक क्लियरेंस की प्रक्रिया कैसी है?
फेज़ 1 को इस साल की शुरुआत में लागू किया गया था। इसके तहत चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के माध्यम से चेक की भौतिक आवाजाही पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। अब चेक की डिजिटल इमेज और इलेक्ट्रॉनिक डेटा के जरिए ही क्लियरेंस की प्रक्रिया पूरी की जाती है, जिससे पहले की तुलना में प्रक्रिया काफी तेज हो गई है।
अब बैंकों को दिन में तय बैच का इंतजार नहीं करना पड़ता। जैसे ही चेक जमा होता है, उसकी डिजिटल इमेज तुरंत क्लियरिंग हाउस को भेज दी जाती है। ड्रॉई बैंक उस इमेज की जांच करता है और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से चेक को अप्रूव या रिजेक्ट करता है।
चेक प्रोसेसिंग टाइम में क्या बदलाव किया गया है?
RBI ने चेक प्रोसेसिंग से जुड़े कामकाजी समय में भी बदलाव किया है। अब ग्राहक सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक चेक जमा कर सकते हैं। वहीं, बैंक सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक चेक को कन्फर्म या रिजेक्ट कर सकते हैं। इस बदलाव से उसी दिन चेक क्लियर होने की संभावना पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।
फेज़ 2 टलने का आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
फेज़ 2 के स्थगित होने का सीधा मतलब यह है कि फिलहाल चेक क्लियरेंस के लिए तीन घंटे की सख्त समयसीमा लागू नहीं होगी। यानी चेक पास होने में अभी कुछ समय लग सकता है। हालांकि, मौजूदा सिस्टम पहले की तुलना में काफी तेज और बेहतर है, इसलिए आम ग्राहकों को किसी बड़ी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।