Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Nov, 2019 01:30 PM
आपने अक्सर अपने घरों की छत पर काले रंग के कौवे को बैठे देखा हो। लेकिन क्या आपने कभी सफेद कौवा देखा है। आपका जवाब होगा कि कौवे तो काले होते हैं, ये सफेद कहां से आ गए। तो बता दें कि हमारे आसपास आमतौर काले कौवे ही पाए जाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में...
नेशनल डेस्कः आपने अक्सर अपने घरों की छत पर काले रंग के कौवे को बैठे देखा हो। लेकिन क्या आपने कभी सफेद कौवा देखा है। आपका जवाब होगा कि कौवे तो काले होते हैं, ये सफेद कहां से आ गए। तो बता दें कि हमारे आसपास आमतौर काले कौवे ही पाए जाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में कभी-कभी आपको सफेद कौवे देखने को मिल जाएंगे और कहा जाता है कि इनको देखना काफी शुभ होता है। हाल ही में मध्य प्रदेश के दतवाड़ा में सफेद कौवा देखने को मिला, इससे पहले साल 2017 में मध्य प्रदेश के सतना में सफेद कौवे को देखा जा चुका है।
कैसे पड़ा कौवे का रंग काला
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पहले कौवे सफेद रंग के ही होते थे लेकिन अमृत के लालच ने इनको काला बना दिया। मान्यताओं के अनुसार काफी समय पहले एक ऋषि ने एक सफेद कौवे को अमृत ढूंढने के लिए भेजा और उसे आदेश दिया कि वो सिर्फ अमृत की जानकारी लाकर दे लेकिन उसे पीने की गलती न करे। कापी सालों तक वो कौवा अमृत की तलास में भटकता रहा और आखिरकार एक दिन उसकी मेहनत रंग लाई और उसने अमृत को ढूंढ लिया। लेकिन तभी उसके मन में अमृत पीने की लालसा आ गई और उसने उसे पी लिया।
कौवा वापिस साधु के पास लौटा तो उसे सब सच बता दिया। कौवे के अमृत पीने की बात सुनकर साधु क्रोधित हो गया और उसे श्राप दिया कि वचन भंग करके उसने अपनी जिस अपवित्र चोंच से पवित्र अमृत को जूठा किया है लोग उससे घृणा करेंगे और हमेशा उसकी बुराई करेंगे। इतना ही नहीं साधु ने कौवे को अपने कंडल के काले पानी में डुबो दिया जिससे उसका रंग काला पड़ गया। तभी से कौवे का रंग पड़ गया।
वैज्ञानिक कारण
वहीं वैज्ञानिकों का सफेद कौवे पर अलग तर्क है। वैज्ञानिकों के मुताबिक सफेद कौवा भी दूसरे काले कौवे जैसा ही होता है लेकिन अनुवांशिक दोष ल्यूसीज्म की वजह से कुछ कौवे का रंग सफेद हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया में कौवे की कई ऐसी प्रजातियां हैं जिनके शरीर पर कहीं ना कहीं सफेद धब्बा होता है।